दोस्तों यह तो सबको पता है, जिसने इस धरती में जन्म लिया है, उसे कभी न कभी जाना ही है, हमारा शरीर पांच तत्वों से मिल कर बना होता है, जल, आकाश, वायु , अग्नि, पृथ्वी और एक दिन मृत्यु के बाद इन्ही में मिल जाता है, इस धरती में कुछ रह जाता है, तो वो सिर्फ मनुष्य के द्वारा किए गए कुछ अच्छे काम जो सदियों तक मनुष्य को अमर रखे रखते है।
मृत्यु एक ऐसा सच है, जिससे कोई इंसान नही नकार सकता यह कही पर कभी भी आ सकती है, इसे न कोई रोक सकता जिसका इस दुनिया में समय खत्म वो मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
Mout Par Kavita |
मृत्यु होते ही इंसान का लोभ, लालच, रिश्ते , नाते सब यही इस दुनिया में रह जाता है, जिंदगी भर की जमा पूजी जिसे जीते जी इंसान खर्च करने से डरता था वो भी सारा का सारा यही रह जाता है।
आज हम इस लेख में मृत्यु पर एक छोटी कविता लाए है, जो शायद आपकों पसंद आए।
मृत्यु पर कविता ( Poem On Death In Hindi )
जो आया है इस दुनिया में
उसको तो जाना ही होगा
मौत तो एक ऐसी सच्चाई है
जिसे नकारा नही जा सकता
बेशक लगता है डर
इस रंगीन जिंदगी को छोड़ जाने में
पर अमर होने का कोई रास्ता नही दिखता
और हो भी गए अमर तो क्या फायदा
ये दुःख - दर्द कहा शान से जीने देगा
जो आया है, इस दुनिया में
उसको तो जाना ही होगा।
- V Singh
मृत्यु एक सच्चाई
छोड़ के जाना पड़ेगा घर को
जहा जिन्दगी पूरी बिताई थी
छोड़ के जाना पड़ेगा धन दौलत को
जो जिन्दगी भर कमाई थी
छोड़ के जाना पड़ेगा उन रिश्तों को
जिनको जिन्दगी भर निभाया था
मृत्यु एक सच्चाई है जो आयेगी ही
जिन्दगी को एक न एक दिन
चैन की नींद सुलाएगी ही।
- V Singh
मौत पर कविता
यह धरती नही हमारा घर
हमे किराएदार बनकर रहना है
कुछ दिन, हफ्ते, महीने, साल हमें
यहा न चाह कर भी रहना है
दुःख की नदी में बह - बह कर
सुख की नाव से तरना है
लोभ - लालच के चंगुल में फस कर
इस धरती में भटकते रहना है
मौत आ जायेगी एक दिन
हमे इस दुनिया को छोड़ निकलना है।
- V singh
Read More
👇👇👇👇
Please do not enter any spam link in the comment box.