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Short Stories In Hindi - बच्चों की कहानियां 2024

V singh
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Short Stories In Hindi- नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं इस ब्लॉग लेख में जहां आज हम बहुत सारी कहानियां ( Stories ) लेकर आए हैं. जिन्हें हर उम्र के लोग पढ़ सकतें हैं. और बहुत कुछ अच्छा सीख सकतें हैं. या अपने बच्चों को सीखा सकते हैं।

कहानियां पढ़ने या सुनने से हमें मनोरंजन के साथ - साथ बहुत कुछ सीखने को भी मिलता हैं. वैसे भी हम तो बचपन से ही दादा - दादी के मुंह से बहुत सारी कहानी सुनते रहते थे कहानी सुनने से हमें मजा भी आता था और हमे बहुत कुछ सीखने को भी मिलता हैं।

बच्चों के मानसिक विकास के लिए उनको कहानियां सुनानी चाहिए ताकी वो सही गलत को समझ सकें तथा वो एक अच्छा इंसान बनने के सभी गुण प्राप्त कर सकें, कहानियां हमें मोटिवेट करने का काम भी करती हैं. इस लिए जब भी समय मिले हमे कहानियां पढ़नी चाहिए और अपने बच्चों को भी कहानियां सुनानी चाहिए।

Hindi Stories Short Kahaniya
Hindi Kahaniya 
आज के इस ब्लॉग लेख में हम बहुत सारी Short Stories In Hindi लेकर आए हैं. जिससे आपको प्रेरणा मिलने के साथ मोटिवेशन भी मिलेगा. Hindi Story , Hindi Story In Hindi , Motivational Story , Prena Dayak Story, Moral Story, Hindi Kahaniya आपकों यहां पढ़ने को मिलेगी

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Short Stories In Hindi - बच्चों की कहानियां 2024

दोस्तो चलिए आपको बहुत सारी शार्ट हिन्दी कहानियों का संग्रह देते हैं. ताकी आप उनको पढ़ कर कुछ सच्चा सीख सको।

प्यासा कौवा सुन्दर कहानी

Short story crow
Crow Story

एक समय की बात हैं एक कौवा उड़ते - उड़ते खाने की तलाश में बहुत ज्यादा थक गया एक तो उसे सुबह से खाना नही मिला था दुसरा धूप बहुत तेज थी जिस कारण उसको प्यास लग गई कौवा ने इधर उधर बहुत जगह पानी खोजा लेकिन उसे पानी नहीं मिला फिर कौवा की नजर एक घड़े में पड़ी वो घड़े के पास गया और उसने उसमे देखा तो उसमें पानी तो था लेकिन पानी घड़े में बहुत नीचे था उसने बहुत कोशिश की पर उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुंच रही थीं तभी कौवा ने इधर उधर देखता पर उसको कुछ समझ नहीं आया की आखिर पानी कैसे पिया जाए तभी उसने एक तरकीब लगाई उसने जमीन में पड़े कंकड़ को चोंच से उठा कर घड़े में डालना शुरु किया और बहुत देर ऐसे ही कंकड़ डालने के बाद घड़े का पानी उपर तक पहुंच गया और कौवा ने अपनी प्यास बुझा और खाने की तलाश में फिर उड़ गया।

सीख - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की चाहें परिस्थितिया कैसी भी हो हमेशा अपना स्वभाव सकारात्मक रखे और सूझ बूझ के साथ हिम्मत न हार कर ईमानदारी से काम करतें रहें सफलता आपको ज़रूर मिलेगी।

खुशी की तलाश छोटी सी कहानी

एक गांव में एक आदमी रहता था कहने के लिए तो आदमी के बेटा बहु पोता पोती थी लेकिन वो शहर में रहते थे आदमी की पत्नी बहुत साल पहले ही गुजर गई थीं जिसके बाद जिसके बाद आदमी बहुत बार अपने बेटा बहु के साथ शहर रहने गया लेकिन उसका वहा मन नहीं लगता था  आदमी हर समय गुस्से में रहता था गांव वाले भी उससे बात करनें से बचते थे क्योंकि उस आदमी का स्वभाव ही वैसा था की छोटी छोटी बात में ही वो गुस्सा करनें लगता था तभी साल ऐसे ही बीतते गए और देखते देखते आदमी का जीवन बीत गया और वो जीवन के आखरी समय में पहुंच गया जब वो बिस्तर में सोया मौत का इंतजार करनें लगा उसके बेटा बहु भी आ गए मौत से पहले एक दिन वह आदमी बहुत खुश दिखा यह देख गांव का ही एक बुढा आदमी बोला भाई जी आज बहुत खुश नजर आ रहें हो क्या बात है तब वह आदमी धीरे से शांत स्वर में बोला मैं पुरी जिंदगी खुशी की तलाश करता रहा मुझे खुशी नही मिली लेकिन मुझे आज एहसास हुवा की हमें खुशी की तलाश न कर जीवन के हर एक पल को आनंदमई तरीके से जीने का प्रयास करना चाहिए खुशी तो अपने आप मिल जाएगी।

ईमानदार लकड़हारा ( Short Story In Hindi )

एक सुन्दर सा हरीपुर नाम का गांव था उसी गांव में एक गरीब जीवन नाम का लकड़हारा रहता जीवन सुबह सुखी लकड़ी काटने जंगल जाता था और वहां से लकड़ी ला बाजार जा उनको बेचता था. और लकड़ी बेच जो भी पैसे उसको मिलते उससे अपना परिवार चलाता था ऐसे ही जीवन की जिंदगी चल रही थीं फिर एक दिन रोज की तरह जीवन सुबह - सुबह लकड़ी तोड़ने जंगल गया जंगल में ही उसको एक नदी के किनारे एक पेड़ दिखा जिसमें बहुत सारी सुखी लकड़ियां हुवी थीं जीवन पेड़ में चढ़ कर अपनी कुल्हाड़ी से लकड़ी काट ही रहा होता हैं की तभी उसकी कुल्हाड़ी हाथ से छुट कर नदी में गिर जाती हैं. जीवन जल्दी से नीचे उतर नदी में देखने लगता हैं पर उसे अपनी कुल्हाड़ी नही दिखाई देती तभी वो सोचता है की नदी का पानी बहुत गहरा है और पानी में बहाव भी है मेरी कुल्हाड़ी तो पानी में बह गईं होगी यह सोच वो वही उदास होकर बैठ जाता हैं और कहता है हे भगवान में अब क्या करू मेरे पास तो नई कुल्हाड़ी लेने के भी पैसे नही में कैसे लकड़ी काटु और कैसे अपने परिवार के लिए खाने का प्रबंध करू अब तो आप ही मेरी मदद करों, तभी नदी से एक देवता स्वरूप सुंदर मनुष्य प्रकट हुवे और जीवन से उन्होंने पूछा क्या हुवा उदास क्यों बैठे हो जीवन ने उनको सारी बात बताई की कैसे उसकी कुल्हाड़ी नही में गिर गईं हैं यह सुन देवता ने कहा तुम चिंता मत करो में अभी तुम्हारी कुल्हाड़ी ढूंढ के लाता हूं ऐसा बोल वो नदी के अन्दर चले गए और कुछ देर में वो नदी से बाहर आए लेकिन वो अपने साथ तीन कुल्हाड़ी लाए एक सोने की एक चांदी की और एक लोहे की देवता बोले क्या यह सोने की कुल्हाड़ी तुम्हारी है. जीवन बोला नही प्रभु यह मेरी नही देवता उसे अब चांदी की कुल्हाड़ी दिखा बोले तो क्या यह तुम्हारी है. जीवन फिर बोला नही प्रभु यह भी मेरी नही अब देवता ने उसे लोहे की कुल्हाड़ी दिखाए उस कुल्हाड़ी को देख जीवन बोला हा प्रभु यह मेरी हैं जो मेरे हाथ से छुट कर नदी में गिर गईं थीं आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी इतनी मदद की यह सुन देवता बोले जीवन में तुम्हारी ईमानदारी से खुश हु अगर तुम्हारी जगह कोई और होता तो पक्का यह सोने या चांदी की कुल्हाड़ी को अपनी कुल्हाड़ी बोलता पर तुमने ऐसा नहीं क्या इस लिए यह लो यह तीनों कुल्हाड़ी तुम्हारी हुवी देवता ने जीवन को तीनो कुल्हाड़ी दिए और गायब हो गए जीवन तीनो कुल्हाड़ी लेकर घर चला गया ।

सीख - यह कहानी हमें सिखाती हैं की जीवन में कभी भी हमें ईमानदारी का साथ नही छोड़ना चाहिए।

गधे की मूर्खता 

Short story murkh gadha
Short Hindi Story

एक समय की बात हैं एक नमक का व्यापारी रोज अपने पालतू गधे की पीठ में नमक का थैला बाद बाजार नमक बेचने जाता था उसी रास्ते में बीच में एक नदी पड़ती थीं एक दिन व्यापारी बाजार जा रहा था तभी उसके गधे का पैर फिसला और वो नदी में गिर गया नदी में गिरने के कारण उसके पीठ में रखा बहुत सारा नमक गल गया और  थैला ले जाने के लिए हल्का हो गया जिसके बाद गधा सोचने लगा ये तो कमाल हो गया कल से में रोजाना नदी में गिरने की चाल चलूंगा अब वो रोज नदी में गिर जाता और उसका वजन कम हो जाता जिससे व्यापारी को बहुत नुकसान हों रहा था अब व्यापारी भी गधे की चाल समझ गया तभी व्यापारी ने अपना दिमाग लगाया और अगले दिन गधे की पीठ में रूई का थैला बांध दिया गधा खुश हुवा और सोचने लगा वा आज तो धर से ही इतना हल्का वजन हैं. जब में नदी में जाऊंगा तो फिर तो यह और भी हल्का हो जायेगा रोज की तरह गधा आज भी नदी में पहुंचते ही गिरने की चाल चलता हैं और जैसे ही वो नदी में गिरता है रूई पानी सोश लेती हैं और गधा के पीठ का वजन बहुत बढ़ जाता हैं. जिसके वो सबक सीखता हैं और दुसरे दिन से गधा बीना चाल चले रोजाना नमक का थैला पहले की ही तरह ले जाने लगता हैं और नमक का व्यापारी भी खुश हो जाता हैं।

सीख- भाग्य हमेशा साथ नही देता इस लिए हमें भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए हमेशा हमें अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए।

लालची लोमड़ी ( Hindi Kahaniya )

एक छोटे से जंगल में नदी किनारे एक छोटी गुफा में एक लोमड़ी रहती थीं जंगल छोटा होने के कारण उस जंगल में लोमड़ी को ज्यादा शिकार नहीं मिल पाता था एक दिन लोमड़ी सुबह - सुबह खाने की तलाश में चल पड़ी कुछ दूर जाने पर ही उसको एक छोटा सा खरगोस का बच्चा दिखा लेकिन लोमड़ी ने सोचा इतने छोटे खरगोश से मेरा क्या होगा और वो उसे छोड़ आगे बड़ गई लेकिन घंटों हो गए पर उसे कोई शिकार नही मिला अब लोमड़ी भूख के मारे सोचने लगी अच्छा होता में उस खरगोस को ही खा लेती कुछ देर के लिए ही सही पर मेरी भूख तो मिटती यह सोच वो कुछ देर आराम कर वापस उस जगह पहुंची जहां वो खरगोश का बच्चा था लेकिन अब वहा पर वो भी नही था उसने यहां वहा देखा पर वो न मिला अब लोमड़ी थक हार कर पानी पी अपने गुफा में चले गई।

सीख - दोस्तों हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि लालच बुरी बला है।

खरगोश की चतुराई कहानी

एक बार एक खरगोश अपने ही घ्यान में जंगल में घास खा रहा था तभी उसके आगे एक शेर आ गया खरगोश सोचने लगा आज तो मेरा खेल खत्म यह तो आज मुझे मार ही डालेगा तभी खरगोस ने दिमाग लगाया और बोला शेर भाई मुझे पता है आप मुझे खाने आए हो लेकिन एक राज की बात बताऊं शेर बोला बताओ खरगोश बोला शेर भाई इस जंगल में एक और शेर आया है. और मैने उस को बात करते हुवे सुना की वो आपको इस जंगल से मार - मार कर भगाएगा यह बात सुन शेर बोला कौन दुश्मन आया मेरे जंगल में बताओं तुमने उसे कहा देखा खरगोश बोला पर मैं क्यों बताऊं आप तो मुझे खाने वाले हो तभी शेर बोला अगर तुम्हारी बात सही हुवी तो में तुमको छोड़ दूंगा लेकिन अगर गलत हुवी तो आज तुम जरूर मेरा भोजन बनोगे यह सुन खरगोश बोला चलो में तुमको बताता हू और खरगोश शेर को कुवे के पास ले गया और शेर से बोला शेर भाई इसके अन्दर रहता है वो जब शेर ने कुवे में देखा तो उसे पानी में अपनी प्रतिबिंब दिखा शेर ने कहा तुम कोन हो तो आवाज टकरा के आई तुम कोन हो शेर ने कहा आज मैं तुमको मार दूंगा तो वहा से भी वही आवाज टकरा के आई जिससे शेर अपनी मूर्खता के कारण कुवे में कूद कर अपनी जान गवा बैठा और खरगोस अपनी चतुराई के कारण मौत के मुंह से भी बच गया।

लालची शेर की कहानी ( Short Stories In Hindi )

एक बार एक शेर को कई दिनों तक शिकार न मिलने के कारण बहुत ज्यादा भूख लग गई और वो सुबह ही अपनी गुफा से रोज की तरह निकल कर शिकार की तलाश में निकल पड़ा कुछ दूर जाने पर उसे एक खरगोस दिखा लेकिन जैसे ही वो खरगोश की तरफ बढ़ने वाला था तभी उसे कुछ दूरी पर एक हिरण दिखा अब शेर के मन में लालच जागा और वो सोचने लगा इस छोटे से खरगोश से मेरा क्या होगा हिरण को पकड़ उसे अपना शिकार बनाता हु मेरा पेट पूरा भर जायेगा यह सोच शेर खरगोश को न पकड़ हिरण की तरफ बढ़ गया हिरण शेर को अपनी और आते देख भागना शुरु किया और इतना तेज भागा की शेर बस पीछा करते रह गया और हिरण उसके हाथ नही आया अब शेर ने पिछे देखा तो वह बहुत दूर आ गया था और थक भी चुका था इस लिए वही एक पेड़ की छाया में बैठ सोचने लगा की मैने खरगोस को पकड़ना था मैने अपने लालच के चलते गलती की हिरण को पकड़ने की अब लगता हैं आज भी भूखा की सोना पड़ेगा यह सोच शेर गुफा की और चले गया ।

सीख- दोस्तों लालच बुरी बला है इस लिए कभी भी लालच न करें।

घमंड ना करें सुंदर कहानी 

एक गांव में दो दोस्त मोहन , सोहन रहते थे दोनों की पढ़ाई खत्म हुवी तो दोनों काम की तलाश में शहर चले गए मोहन को तो शहर में अच्छा काम मिल गया और वो अच्छे पैसे कमाने लगा लेकिन सोहन को काम नही मिला जिस कारण वो वापस गांव आ कर अपना ही बिजनेस करने लगा धीरे - धीरे सोहन का बिजनेस अच्छा चल पड़ा और  कुछ सालों बाद गांव में सोहन के घर के सामने एक कार आ कर रुकी जिसमें से मोहन निकला सोहन को साधारण कपड़ो और छोटे से घर में रहते देख मोहन घमंड से बोला देख सोहन आज में किस मुकाम में हु महिने के लाख कमाता हूं घर हैं गाड़ी हैं पर तू तो अभी भी वही का वही है. यह सुन सोहन बोला मोहन आज इतने सालों बाद गांव में कैसे आना हुवा आजा अन्दर चल चाय पानी पिलाता हु यह सुन मोहन बोला अरे यार सोहन तू तो गवार का गवार ही रह गया लेकिन मैने इतनी तरक्की करी है की अब में चाय नहीं कॉफी पिता हु , वैसे भी में जल्दी में हु मेरी इस गांव में एक बिजनेस मैन से मीटिंग हैं जिनका नाम तेरे ही  नाम की तरह सोहन है बतायेगा उनका बंगला कहा होगा पता नहि कैसे बिजनेस मैन है ऐसे गांव में आ कर रह रहे हैं. यह सुन वही पर खड़ा एक व्यक्ति बोला मोहन बेटा तुम जिस बिजनेस मैन सोहन की बात कर रहें हो वो यही हैं जो इतने बड़े बिजनेस में बनने के बाद भी आज भी एक छोटे से घर पर साधारण सी जिंदगी जीते हैं . न इनके अन्दर कोई घमंड हैं. यह गांव मैं रह कर गांव का विकास कर रहें हैं यह सुन मोहन की आखों से आशु आ गए और वो सोहन से बोला यार सोहन मुझे माफ कर दे मैं पैसे के लालच में इतना ज्यादा घमंडी बन गया की अपने सच्चे दोस्त को नीचा दिखाने में लग गया यह सुन सोहन बोला कोई नही मेरे भाई अब तो आ अन्दर तुझे चाय पिलाता हु।

सीख - दोस्तों कभी भी किसी को छोटा न समझे अगर आप के पास बहुत सारा पैसा है लेकिन उसके घमंड के चलते आप किसी को नीचा दिखा रहें हो तो याद रखे आप अमीर हो कर भी गरीब हों।

नशा जानलेवा सुन्दर कहानी 

दो दोस्त पवन और योगेश काम की तलाश में शहर निकलते हैं. जहा उनको एक होटल में काम मिल जाता हैं. दोनों महीने का अच्छा पैसा कमाने लगते हैं. पर पवन इसी बीच नशे को अपना लेता है . वो गुटका , सिगरेट , शराब पीना शुरु कर देता हैं. योगेश कई बार उसको कहता हैं. की यार पवन ये नशे से दूर रह यह जानलेवा होता हैं. लेकिन पवन उसको यह कहता हैं. की देख भाई यह सब लोगो की कहने की बात है एक बार तू भी ट्राय करके देख यह तो अमृत के समान है. जिंदगी के सब गमों को भुला देगा. योगेश उसे कहता हैं देख भाई पवन आज तू मेरी बात को नहीं मान रहा लेकिन एक दिन तू जरूर पछताएगा यह सुन पवन कहता हैं. जिंदगी का क्या भरोसा आज हैं कल नही बस हमे हर दिन को एंजॉय करना चाहिए।

ऐसे ही एक साल बीतता हैं एक दिन पवन को सास लेने में दिक्कत होती हैं तो वो हॉस्पिटल जाता हैं. जहा उसके बहुत सारे टेस्ट होते हैं. और डॉक्टर उसे बताता हैं की तुमको लंग कैंसर हैं. यह सुन पवन के पैरो तले जमीन खिसक जाती हैं और वो योगेश की कही गईं बातो को सोच रोने लगता हैं काश मैने योगेश की बात मान नशीले पदार्थो का सेवन करना बंद कर दीया होता तो मैं आज ऐसी जानलेवा बीमारी का शिकार नही बनता।


सीख- दोस्तों गुटका, सिगरेट , शराब स्वास्थ के लिए हानिकारक हैं. अगर शरीर को स्वस्थ बनाए रखना हैं तो इन चीजों से दूरी बनाए रखें नही तो पवन के तरह ही भयंकर परिणाम का इंतजार करें।

सत्य की विजय ( short Moral Story In Hindi )

बहुत साल पहले की बात हैं जीवन पुर नाम के गांव में दो दोस्त राहुल और अमन रहते थे. एक दिन दोनो ने पैसे कमाने के लिए व्यापार करनें की सोची और व्यापार करनें के लिए वो गांव से बाहर दुसरे गावों में गए कुछ सालों में उन्होंने व्यापार के जरीए बहुत सारा धन कमा लिया कमाएं धन को दोनों दोस्तों ने बाट लिया और गांव की तरफ आने लगे गांव पहुंचने से पहले थोड़ी दूर पर अमन के मन में लालच जागा और वो सोचने लगा अगर राहुल का धन भी मेरा हो जाए तो में तो बहुत अमीर हो जाऊंगा इसलिए वो राहुल से बोला राहुल देख हम बहुत सारा धन घर ले जा रहें हैं. यह बात किसी को पता चली तो चोर हमारे घर से धन चोरी कर सकतें हैं इस लिए हमें थोडा धन ही घर ले जाना चाहिए बाकी का हमे यही कही पर गढ़ा खोद कर छुपा देना चाहिए और जब हमे धन की जरूरत पड़ेगी हम यहां से निकाल लेंगे यह बात राहुल ने सुनी तो वो बोला ठिक कहता हैं यार तू इतना धन हम घर ले जायेगे तो चोरी का खतरा बढ जाएगा चल वो सामने वाले पेड़ के नीचे इस धन को गाढ़ देते हैं।

जिसके बाद दोनो ने धन को पेड़ के नीचे गाढ़ दिया और घर चले गए लेकिन उसी रात अमन  वहा से सभी घन निकाल अपने घर ले गया फिर ऐसे ही दिन बीते एक दिन राहुल अमन से बोला यार राहुल मुझे धन की बहुत जरूरत हैं चल  घन को निकाल लाते हैं यह सुन अमन बोला चल फिर मुझे भी जरूरत है. और दोनो उस पेड़ के नीचे पहुंच धन को निकालने लगे लेकिन वहा कुछ नही मिला तभी अमन बहाना कर रोने लगा और राहुल से बोला राहुल तूने यह अच्छा नहीं किया तूने सारा धन यहां से निकाल लिया राहुल बोला नही यार मैने धन नहीं निकाला में सच्ची बोल रहा हु मुझे तो लगता हैं तूने यहां से धन निकाला होगा चल राजा के वहा वो ही फैसला करेंगे।

अब दोनो राजा के वहा गए और दोनों ने सारी बात बताई पर राजा ने दोनों से कहा सही सही बताओ अगर गलत बोला तो इसकी बहुत बडी सजा मिलेगी यह सुन कर भी अमन ने नही बताया कि उसने ही सारा धन चोरी किया है।

अब राजा ने कहा कोई नही जिस पेड़ के नीचे तुम लोगो ने धन छुपाया है अब वो पेड़ ही सारी सच्चाई बताएगा मुझे पेड़ों के साथ बात करनें की कला आती हैं. चलो अब राजा और अमन और राहुल पहुंच गए पेड़ के नीचे तब राजा बोला पेड़ महाराज आप मुझे बताएं की यहां छुपाया गया धन कोन ले गया अमन या राहुल यह कह वो आंख बंद कर कुछ देर खड़े रहें और फिर दोनों की तरफ देखा उन्होंने देखा की राहुल शांत खड़ा है और अमन डरा - डरा चेहरे में पसीना लिए खड़ा है. तब राजा ने कहा पेड़ ने मुझे उसका नाम बता दिया और पेड़ ने कहा की राहुल यहां आ कर सारा धन ले गया यह सुन अमन झट से बोला महाराज मैने तो पहले ही कहा था की यही चोर हैं. लेकिन तभी राजा ने कहा पर अमन पर तुम इतने डर क्यों रहें हों जैसे की तुमने चोरी की हो तब अमन और भी डर कर बड़बड़ाते हुवे बोला महाराज मैने चोरी की होती तो पेड़ आपको राहुल का नाम क्यों बताता यह सुन महाराज बोले मैने तो सिर्फ़ सच पता लगाने के लिए तुम से झूट बोला था की मुझे पेड़ से बात करनी आती हैं. पेड़ ने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन तुम दोनों के हाव भाव को देख कर में समझ गया की राहुल ने धन नहीं निकाला बल्की तुमने धन निकाला अब सच बोल दो यह सुन अमन ने सारी सच्चाई बता दी जिसके बाद राजा ने उसे दण्ड दिया और राहुल को सारा धन लौटा दिया और सत्य की विजय हुवी।

सीख- सत्य को बुराई कितना भी घेर ले एक न एक दिन सत्य बाहर आता ही है. और सत्य की विजय होती ही हैं।

मेहनत का फल कहानी

यह कहानी हैं दो युवक दीपक और सुमित की जिन्होंने साथ स्कूल पढ़ा कॉलेज किया दोनों अब सरकारी नौकरी के फॉर्म भर दिए और तैयारी में लग गए लेकिन उनका सलेक्शन नही हो पाया इसके बाद उन्होंने और बहुत सारे फॉर्म भरे लेकिन सलेक्शन नही हुवा जिसके बाद सुमित एक दिन दीपक से बोला दीपक यार सरकारी नौकरी पाना बहुत कठिन है. मुझे लगता हैं हमारा सलेक्शन कभी नहीं हो पायेगा तभी दीपक बोला नही मेरे भाई मेहनत पर यह दुनिया टिकी हुवी हैं हमारी मेहनत पर ही कुछ कमी रह रही होगी तभी हमारा सलेक्शन नही हो रहा लेकिन इस बार हमे रात दिन एक कर मेहनत करनी होगी जरूर हमे मेहनत का फल मिलेगा सुमित बोला हा यार तू ठिक कह रहा हैं हम हिम्मत हार जायेंगे तो क्या होगा चल तैयारी में लग जाते हैं इस बार तो स्लेक्ट होना ही है. ऐसा कह कर दोनो दोस्त परिक्षा की तैयारी करनें लेंगे और कुछ दिन बाद परिक्षा दे कर आए तथा आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनका सलेक्शन हो गया।

सीख - अगर जिंदगी में कुछ पाना है तो मेहनत तो करनी ही होगी छोटी - छोटी हार से सीख - सीख कर बड़ी जीत पाई जाती हैं और मेहनत का फल हमेशा मीठा ही मिलता हैं।


मुर्गे का घमंड ( Short Stories In Hindi )

एक समय की बात है एक गांव में एक व्यक्ति ने एक मुर्गा पाला था वो उस मुर्गे को बहुत प्यार से रखता था समय से उसे दाना देता , पानी देता लेकिन एक दिन वह व्यक्ति किसी काम के सिलसिले में एक दिन के लिए शहर चले गया और उसके परिवार वाले मुर्गे को एक टाइम का खाना देना भूल गए जिस कारण मुर्गा गुस्से में सोचने लगा कि कल सुबह में आवाज नही करूंगा सब सोते रह जायेगे तब मेरी अहमियत का पता चलेगा. मुर्गे ने ठिक वैसा ही किया उसने सुबह आवाज नही लगाई लेकिन सभी लोग रोज के ही टाइम में उठ कर अपने काम में चले गए और मुर्गे को भी खाना दे दिया तब मुर्गे को समझ आ गया की किसी के बीना किसी का काम नही रुकता काम सबका चलता रहता है।

सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की कभी भी अपने आप में घमंड नहीं करना चाहिए लोगों को आपकी अहमियत बिना बताएं पता चल जाती हैं।

ऊपर वाला सब देखता है 

एक समय की बात हैं एक गांव में अर्जुन नाम का एक युवक अपने माता पिता के साथ रहता था माता पिता ने अर्जुन को बड़े ही लाड प्यार से पाला था अर्जुन अपनी पढ़ाई पूरी कर नौकरी में लग गया और उसकी शादी भी हो गईं कुछ दिनों तो सब कुछ सही चला लेकिन जैसे जैसे अर्जुन के माता पिता बूढ़े हुवे तो एक दिन अर्जुन की पत्नी अर्जुन से बोली मैं घर के काम के साथ मम्मी पाता की देख भाल नही कर सकती इनको वृद्धाश्रम छोड़ दो नही तो में मायके चली जाऊंगी बच्चो को लेकर यह सुन अर्जुन ने भी फैसला कर दिया और अपने माता पिता को वृद्धाश्रम छोड़ कर आ गया अब समय बीता अर्जुन का बेटा भी बड़ा हुवा उसकी शादी हुवी यह देख अर्जुन और उसकी पत्नी बहुत खुश थे क्योंकी उनको लग रहा था की अब तो आगे की जिंदगी आराम से कटेगी लेकिन जब अर्जुन और उसकी पत्नी बूढ़े हुवे तो एक दिन उनकी बहु उनके बेटे से बोली मैं तुम्हारे माता पिता की देखभाल नहीं कर सकतीं या तो इनको वृद्धाश्रम पहुचाओ या मुझे और बच्चो को मायके यह सुन अर्जुन के बेटे ने भी अर्जुन और उसकी पत्नी को वृद्धाश्रम छोड़ दिया यह सब अपने उपर होते देख अर्जुन और उसकी पत्नी को वो दिन याद आ गया  जब वो भी अपने माता पिता को वृद्धाश्रम छोड़ गए थे यह सोच दोनों रोने लगे।

सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की ऊपर वाला हमारे कर्मो को देख रहा हैं. हम किसी के साथ आज बुरा करते हैं तो कल हमारे साथ भी बुरा होगा।

सच्चा दोस्त बेस्ट हिन्दी कहानियां 

एक समय की बात हैं एक राजा हुवा करता था उसका एक पुत्र था जो बचपन से ही गांव के बच्चो के साथ खेलता था उसने गांव के ही चार बच्चों को अपना दोस्त बना दिया था एक दिन राजा ने अपने पुत्र को बुलाया और कहा पुत्र आज कल तुम्हारा जन्मदिन है. कल में तुमको 100 सोने के सिक्के दूंगा लेकिन एक बात याद रखना तुम उन सिक्को को अपने चार दोस्तों में से उस दोस्त को देना जो तुम्हारा सच्चा दोस्त हों पुत्र बोला पर पिताजी में अपने चार दोस्तों में से सच्चे दोस्त को कैसे पहचानुगा तब राजा बोला पुत्र एक बात ध्यान रखना सच्चा दोस्त मुसीबत में भी हमारा साथ देता हैं यह सुन पुत्र बोला समझ गया पिताजी की मुझे कैसे पता करना हैं की मेरा सच्चा दोस्त कौन है. राजा के पुत्र ने अपने चारों दोस्तों को बुलाया और जंगल की और चला गया कुछ दूर जाने पर ही उसने बहाना किया की मुझे साप ने काट दिया और वही पर आंख बंद कर बेहोश होने का बहाना किया अब चार दोस्तों में से तीन दोस्त उसकी मदद करनें के बजाए उसी समय भाग गए लेकिन एक दोस्त वही रहा उसे उठाने का प्रयास कर रोने लगा तभी राजा के पुत्र ने आखें खोली और उसे गले लगा लिया और महल जा कर बोला पिताजी यह है मेरा सच्चा दोस्त आज से यह इसी महल में रहेगा और आप इसे 100 सोने के सिक्के भी दे देना।

सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की सच्चा दोस्त वो नही होता जो सुख में आपके साथ हो सच्चा दोस्त वो होता हैं जो सुख हो या दुःख हर समय आपका साथ देता है।


कछुआ और खरगोश ( Moral Story In Hindi )

Kachuva our khrgosh kahani
Hindi Kahani

एक समय की बात हैं एक खरगोश ने एक कछुए को देखा कछुए को धीरे धीरे चलता देख खरगोश बोला लगता हैं तुम्हारे पैरो में ताकत नहीं जो तुम तेज चल सको हिम्मत हैं तो मुझसे रेस लगा लो जो यहां से रेस शुरु कर इस जंगल का एक चक्कर सबसे पहले लगायेगा वो जीत जायेगा यह सुन कछुआ बोला ठिक हैं चलो रेस शुरु करते हैं. यह सुनते ही खरगोस तेज भागा और कछुआ भी धीरे- धीरे आगे बढ़ने लगा खरगोस कुछ ही समय में जंगल का एक चक्कर लगा लक्ष्य  पर पहुंचने ही वाला था तभी उसने पीछे देखा तो उसे कछुआ दूर दूर तक नही दिखा इस लिए उसने सोचा कुछ देर पेड़ की छाया में आराम करता हू जैसे ही कछुआ यहां पहुंचेगा उसके बाद दौड़ कर लक्ष्य तक पहुंच जाऊंगा यह सोच वो आराम करने लगा लेकिन उसकी आंख लग गईं और कछुआ धीरे - धीरे लक्ष्य को प्राप्त कर रेस जीत गया यह देख सारे जानवर ताली बजाने लगे ताली की आवाज सुन खरगोश की नीद खुली और उसने देखा की कछुआ रेस जीत गया है।

सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की हमे कभी भी घमंड नहीं करना और धैर्य रखते हुवे मेहनत करते रहना हैं. हम अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त कर लेगे।

हाथी का घमंड कहानी 

एक बार की बात हैं. एक जंगल में बहुत सारे हाथी रहते थे उन्हीं में से सबसे ताकतवर और सभी हाथियों का मुखिया जंबो हाथी था उसको अपनी ताकत पर बहुत घमंड था एक दिन की बात हैं उसने जंगल में तबाही मचा दी वो छोटे पौधो को उखाड़ने लगा डालो में बने घोषलो को तोड़ने लगा सभी जानवर जंबो के इस रूप को देख जंगल और अपने आप को बचाने के लिए जंगल के राजा शेर के पास गए और बोले महाराज जंबो को अपनी ताकत पर बहुत घमंड आ गया हैं वो जंगल में तबाही मचा रहा हैं. आप जंबो से हमारी और इस जंगल की रक्षा करे शेर भी बहुत देर तक सोचते रहा और फिर बोला हमे जंबो के घमंड को तोड़ना होगा तुम में से जो भी यह काम करेगा उसको इनाम दिया जायेगा यह सुन सभी जानवर बोले पर महाराज जंबो बहुत ताकतवर और गुस्से वाला हैं उसके घमंड को हम कैसे तोड़ेंगे हमारी बस की बात नहीं लेकिन तभी उस सभा में मौजूद एक चीटियों की रानी बोली महाराज में तोडूंगी जंबो का घमंड आप चिंता मत करें यह सुन वहा मौजूद सभी जानवर हंसने लगे और  चिटी से बोले  तुम  क्या जंबो का घमंड तोड़ोगी यह सुन शेर बोला चुप हो जाओ एक बात याद रखना किसी को भी कम मत समझना और चिटी से बोला जाओ अगर तुम यह काम कर दोगी तो तुमको बहुत सारा इनाम दिया जायेगा।

यह सुन चिटी ने सीटी बजाई और उसकी पूरी सेना चल पड़ी जंबो का घमंड तोड़ने कुछ दूर जाने पर जंबो उनको दिखा चिटियों की रानी ने कहा जंबो तबाही मचाना बंद करों और आराम से इस जंगल में रहो और दुसरे जानवरो को भी रहने दो नही तो हम आज तुमको सबक सीख देंगे यह सुन जंबो बोला तुम क्या मुझे सबक सिखाओगी एक फुक मारूंगा तो तुम और तुम्हारी यह सेना उड़ जायेगी जिंदा रहना है तो हट जाओ मेरे रास्ते से यह सुन सभी चिटी रास्ते से हट गई लेकिन अब उन्होंने योजना बनाई की वो जंबो के सोने का इंतजार करेगी . जंबो दिन भर जंगल में तबाही कर एक बड़े पेड़ की छाया में आराम करनें लगा और उसे नीद आ गईं चिटियों ने समय का फायदा उठाते हुवे जंबो के सुड में जा कर काटना शुरू किया जिससे जंबो को बहुत ज्यादा दर्द होने लगा तब जंबो को यह एहसास हुवा की खुद की ताकत पर इतना घमंड नहीं करना चाहिए और वो रानी चींटी से बोला चिटी बहन मुझे छोड़ दो मुझे अपने गलती का अहसास हो गया है. आज से में शांति से इस जंगल में रहुगा. यह देख जंगल के सभी जानवरो ने चिटी के लिए ताली बजाई और जंगल के राजा शेर ने उसे इनाम के तौर पर बहुत सारा खाना दिया ।

सीख- दोस्तों हमें अपनी ताकत पर घमंड नही करना चाहिए अपनी ताकत से दूसरों को परेशान करनें के बजाए उसी ताकत से किसी की मदद करनी चाहिए।

जिगरी दोस्त ( Best Friends Hindi Story )

मोहन का कोई भी दोस्त नहीं था एक बार मोहन गर्मियों की छुट्टियों में अपने नाना - नानी के गांव उनसे मिलने गया जहां गांव का एक लड़का राजू उसे मिला जिसके साथ मोहन गांव में घूमता बगीचे से आम तोड़ खाता , खेलता ऐसे करते करते मोहन को पता ही नही चला की कब उसकी गर्मियों की छुट्टी खत्म हों गई और मोहन वापिस घर आ गया अब हर साल गर्मियों की छुट्टियों में मोहन गांव नाना , नानी के पास जाता और अपने दोस्त राजू के साथ पुरी छुट्टियों में मजे करता मोहन और राजू की दोस्ती बहुत ही ज्यादा सच्ची थी ऐसे करते करते समय बीता मोहन नौकरी में लग गया और राजू भी नौकरी में लग गया एक दिन मोहन का ऑफिस जाते वक्त एक्सीडेंट हों जाता हैं. और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता हैं. यह बात जब राजू को पता चलती हैं तो वो उसी टाइम मोहन से मिलने अस्पताल पहुंच जाता हैं. डॉक्टर बोलता हैं. राजू का ऑपरेशन होगा 2 यूनिट ब्लड का इंतजाम करिए यह सुन राजू बोलता हैं. डॉक्टर देरी न करें अभी दो यूनिट ब्लड देता हूं और ब्लेड बैंक जा कर दो यूनिट बल्ड दे मोहन के ब्लड ग्रुप का ब्लड लाता है और मोहन के माता पिता से भी बोलता हैं आप चिंता न करें मोहन के इलाज में जितना खर्चा आयेगा में देख लूंगा ।

सीख - दोस्तों हमारे साथ खेलने , हसने , खाने या हमारे सुख में शामिल होने वाला दोस्त सच्चा नही होता सच्चा दोस्त तो वो होता हैं जो इन सब के आलावा भी हमारे साथ हर मुसीबत में खड़ा रहें और इसी को ही जिगरी दोस्त भी कहते हैं।

अन्दर से बदलाव होना जरूरी 


यह कहानी एक चूचू नाम के चूहे की हैं. जो हर समय डरा रहता था वो सोचता था कब कोई बिल्ली आ जाए और मुझे मार दे इसी डर के कारण वो एक दिन एक शक्तिशाली साधु से मिलने कहा और बोला बाबा मुझे बिल्लियों से डर लगता हैं. आप मुझे बिल्ली बना दो मेरा डर खत्म हो जाएगा यह सुन साधु ने उसे बिल्ली बना दिया चूहा बिल्ली बन रास्ते से जा रहा था तभी कुछ कुत्ते उसे काटने उसके पिछे पड़ गए वो जैसे तैसे अपनी जान बचा कर उसी साधु के पास गया और बोला बाबा मुझे कुत्तों से डर लगता हैं आप मुझे अब बिल्ली से कुत्ता बना दो मेरा डर खत्म हो जायेगा यह सुन साधु ने उसे कुत्ता बना दिया कुत्ता बन चूहा एक दिन जंगल से जा रहा था तभी शेर उसके पीछे पड़ा वो अपनी जान बचाते हुवे फिर से साधु के पास गया और बोला बाबा शेर से मुझे डर लगता हैं आप मुझे शेर बना दो साधु ने उसे शेर बना दीया शेर बन कर चूहा अब जंगल में एक घूमने लगा तभी कुछ शिकारी उसके पीछे बंदूक ले कर पड़ गए और और अपनी जान बचाते हुवे फिर से साधु के पास गया और बोला बाबा मुझे अब आप शिकारी बना दो यह सुन साधु ने उसे फिर से चूहा बना दिया और कहा मैं चाहे तुमको कुछ भी बना दू लेकिन तुम्हारा डर कभी खत्म नहीं होगा क्योंकी तुम्हारा मन एक चूहे का है।

सीख - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की जब तक बदलाव अन्दर से न हो तब तक वो नही टिक सकता।


साधू और बिच्छू कहानी ( Short Stories in Hindi )  

एक बार की बात हैं एक साधू प्रातः काल स्नान करनें नदी किनारे गए तभी उन्होंने देखा एक बिच्छू पानी में बह रहा हैं. उन्होंने बिच्छू की जान बचाने के लिए अपने हाथ से उसे निकाला लेकिन बिच्छू ने अपने स्वभाव के कारण उनके हाथ में डंक मार दोबारा पानी में गिर गया लेकिन साधू ने फिर से उसे हाथ से निकाला तब भी बिच्छू ने साधू के हाथ में डंक मार दिया और पानी में गिर गया इतने में पास से ही जा रहे एक  व्यक्ति ने बिच्छू को एक लकड़ी से बाहर निकाला और वो साधू से बोला ऋषिवर वो बिच्छू आपकों बार बार काट रहा था फिर भी आप उसको हाथ से बाहर निकाल रहें थे ऐसा क्यों तब साधू बोले बेटा जिस प्रकार बिच्छू अपना स्वभाव नहीं बदल सकता उसी प्रकार मैं अपना स्वभाव कैसे बदल लूं बिच्छू का स्वभाव उग्र होता हैं इस लिए वो डंक मार रहा था हम साधुओं का स्वभाव शांत होता हैं. इस लिए मैं उसे बचा रहा था वो खतरा देख डंक मार रहा था में धर्म को देख उसे बचा रहा था।

सीख - जिंदगी में चाहें कैसी भी विषम परिस्थितियां आए अपने स्वभाव को नही बदलना चाहिए।

कुत्ते की वफादारी सुंदर कहानी

दोस्तों एक दिन एक व्यक्ति ऑफिस से घर आने के लिए बस स्टैंड में बस की प्रतीक्षा कर रहा था और मजे में बिस्किट खा रहा था पास ही एक कुत्ता उस व्यक्ति को देख लार टपका रहा था ऐसा लग रहा था जैसे कुत्ता बहुत दिनों से भूखा हैं. तभी बस आ जाती हैं और व्यक्ति बचा हुवा बिस्कुट वही किनारे में फेक बस में चढ़ कर चले जाता हैं. कुत्ता बिस्कुट को खाता हैं. दुसरे दिन फिर वो आदमी उसी टाइम बस का इंतजार कर रहा होता हैं और बिस्कुट खाता है यह देख वही कुत्ता फिर वहा आ जाता हैं और उसके बिस्कुट फेंकने का इंतजार करता हैं. और होता भी वही है बस आती हैं. व्यक्ति बचा बिस्कुट वही कोने में फेक देता है और बस में चढ़ कर चले जाता हैं. और कुत्ता बिस्कुट खाता है. ऐसा ही कुछ दिनों तक चलता हैं. अब कुत्ता उस व्यक्ति को पहचानने लगता हैं. जब भी वो आता हैं उसके लिए पूछ हिलाता है. लेकिन व्यक्ति इन बातो का ध्यान नहीं रखता फिर एक दिन जब वो व्यक्ति बस का इंतजार कर रहा होता हैं तभी एक चोर उसके हाथ से बेग छीन भागने लगता हैं. यह देख वह कुत्ता चोर के पीछे तेजी से दौड़ चोर को डरा देता हैं और चोर वही पर डर के मारे रुक जाता हैं  तब तक वो व्यक्ति भी वहा पहुंच जाता हैं. और चोर को पुलिस के हवाले कर देता हैं. और कुत्ते के सर में हाथ घुमा उसे बिस्कुट देता हैं. और उस कुत्ते को घर ले जाता हैं।

दोस्तों तभी तो कहते हैं कुत्ते वफादार होते हैं एक बार भी आप किसी कुत्ते को खाना दे दोगे तो वो आपको कभी नहीं भूलेगा कुत्ते अपनी जान में खेल कर भी अपनी वफादारी साबित करते हैं।

समय समय की बात ( Moral Story In Hindi )

एक गांव में एक मोहन नाम का गरीब आदमी अपने परिवार के साथ रहता एक दिन मोहन की पत्नी की तबियत बहुत खराब हो गई जिस कारण उसे अपनी पत्नी को शहर के बड़े अस्पताल में ले जाना था लेकिन उसके पास उतने पैसे नही थे इस लिए वो गांव के ही एक अमीर आदमी जीवन के पास गया और उससे कुछ पैसे उधार देने को कहा लेकिन उसने नही दिया मोहन को तो अपनी पत्नी को बचाना था इस लिए उसने अपने छोटे से घर और खेतों को बेच अपने परिवार के साथ शहर चले गया और ईश्वर की कृपा से उसकी पत्नी कुछ दिनों में सही हो गई और वो शहर में ही किराए के कमरे में रहने लगें मोहन  ने कुछ साल शहर में नौकरी की ओर फिर अपना ही बिजनेस चालू कर दिया देखते ही देखते उसका बिजनेस चल पड़ा और वो अमीर हो गया एक दिन वो अपनी पत्नी को चैकअप के लिए अस्पताल ले जाया होता हैं तभी वहां उसे जीवन  मिलता हैं जो अब गरीब बन गया होता हैं. वो कहता हैं की उसके बच्चे को कैंसर हैं और उसके इलाज में उसके सारे पैसे घर , जमीन बिक गईं लेकिन अब उसके पास अपने बच्चे के इलाज के लिए पैसे नहीं यह सुन मोहन , उसकी मदद करता हैं।

सीख - दोस्तों समय समय की बात कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की समय सबका बदलता है, आज तुम ऊंचाई में हो तो हो सकता हैं कल नीचे पहुंच जाओ. आज आप मदद करनें योग्य होकर अगर किसी जरुरत मद की मदद नहीं करते तो हो सकता हैं कल आपको भी किसी से मदद मांगनी पड़े। 

प्रेणादायक हिन्दी कहानी गुरु और शिष्य

एक समय की बात हैं. एक गुरु ने अपने शिष्यों को 50 रूपये का नोट दिखाते हुवे कहा बच्चों बताओं यह कितने रूपये का नोट है. तभी सभी शिष्यों ने कहा गुरुदेव यह 50 रूपये का नोट हैं. यह सुन गुरु ने शिष्यों को शाबाश कहा और कहा बताओं यह किसे चाहिए तब भी सभी शिष्यों ने कहा गुरुदेव मुझे यह सुन गुरु ने उस 50 रूपये के नोट को हाथ से कुचल दिया और फिर शिष्यों से कहा अब बताओं यह किसे चाहिए अब भी सभी शिष्यों ने कहा मुझे यह सुन गुरु ने उस नोट को जमीन में फेक पैर से कुचल दिया और फिर कहा बच्चों अब बताओं किसको यह नोट चाहिए सभी शिष्यों ने कहा मुझे यह सुन गुरु ने नोट को सीधा कर जेब में रख दीया और शिष्यों से कहा बच्चों आज मैने तुमको यह जो ज्ञान का पाठ पढ़ाया हैं. तुमने इससे क्या सीखा तब सभी शिष्य चुप हो गए लेकिन उन में से एक शिष्य बोला गुरुदेव हमनें इस पाठ से सीखा की जीस प्रकार रूपये की कीमत कुचले जाने पर भी कम नहीं हुवी उसी प्रकार मुसीबत आ जाने पर इंसान को उसका सामना करना चाहिए न की उससे लड़ने की काबिलियत होने पर भी उसके सामने घुटने टेकना है. इंसान को किसी भी परिस्थितियों पर अपनी कीमत नही भूलनी चाहिए।
शिष्य का यह जवाब सुन गुरुदेव ने अपने जेब से 50 रूपये का नोट निकाला और शाबाश कहते हुवे शिष्य को दे दिया।

भुख की कीमत सुन्दर कहानी

शहर के एक रेस्टोरेंट में अमन नाम के युवक की बर्थडे पार्टी हैं , रेस्टोरेंट पूरा बुक है. लगता हैं अमन एक अमीर बाप की ओलाद है या फिर उसका खुद का ही कोई बिजनेस हैं. तभी तो पुरे रेस्टोरेंट को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया हैं. रेस्टोरेंट के बाहर रोड के उस पार लाइट के खंबे के नीचे दो 8 से 10 साल के अनाथ गरीब बच्चे बैठे हैं साथ में उनके एक कुत्ता भी हैं . बच्चो को देख लग रहा हैं. वो बहुत गरीब हैं. और उन्होंने बहुत दिन से भर पेट खाना नही खाया हैं. लेकिन बच्चे एक आश लिए की आज तो उनको भर पेट खाना मिल जायेगा रात होने का इंतजार कर रहें हैं. और  पास में उनके साथ बैठे कुत्ते से भी बोल रहें हैं. तू चिंता मत कर आज तेरे को भी भर पेट खाना मिल जायेगा।
शाम के 7 बज गए अब अंधेरा होने लगा तभी बहुत सारी गाडियां रेस्टोरेंट के बाहर आ कर रुकी उनमें से एक में बर्थडे बॉय अमन निकला और अपने अभी दोस्तों रिश्तेदारों को अंदर ले गया बाहर रोड के उस पार बैठे बच्चें इंतजार में हैं की कब जन्मदिन खत्म हों और उनको बचा हुवा खाना खाने को मिले रात के 9 बज गए अब केक कटने का समय हों गया हैं. बाहर बैठे गरीब बच्चे सोच रहें की केक कैसा होता होगा क्या हमें कभी केक खाने को मिलेगा तभी रेस्टोरेंट से एक युवक बच्चों को बाहर आते दिखा जो उनकी तरफ आ रहा था वह युवक और कोई नही अमन था लेकिन उसके हाथ में कुछ नही था बच्चे यह देख उदास हो गए अमन ने रोड पार की और बच्चों से कहा क्या आप दोनों मेरे बर्थडे में आना चाहोगे मुझे बहुत खुशी होगी अगर आप आओगे।
यह सुन दोनों बच्चो के चेहरे खुशी से भर गए और बोले क्या हम इस कुत्ते को भी अपने साथ ला सकते हैं यह बहुत भूखा है. अमन ने कहा हां जरूर और वो दोनों बच्चो और कुत्ते को रेस्टोरेंट के अन्दर ले गया जैसे ही वो रेस्टोरेंट के अन्दर बच्चों और कुत्ते को ले कर गया वहा पर मौजूद लोगो ने बच्चों का स्वागत किया अमन उनको सबसे पहले रेस्टोरेंट में मौजूद एक कमरे में ले गया और उनको अच्छे कपड़े पहनाए उसके बाद बच्चों के साथ मिल कर उसने केक काटा और बच्चों और कुत्ते को भर पेट खाना खिलाया जिसके बाद अमन ने सभी लोगो के सामने एक फैसला किया की आज से वो इन बच्चो को गोद ले रहा है, यानी इनकी पढ़ाई , लिखाई, रहने , खाने से लेकर हर जरुरत को वो आज से पुरा करेगा ताकी बड़े होकर यह कुछ अच्छा कर सकें और कुत्ते को भी वो एक कुत्तों के अनाथालय में पहुंचा देगा आगे अमन ने कहा की एक समय मेरा भी ऐसा ही था जब में भूख के कारण कई दिनों तक रोड में भटकता था फिर एक दिन एक साहब मुझे मिले जिन्होंने मुझे पढ़ाया , लिखाया और इस काबिल बनाया की आज में इस मुकाम में हु दिन में जब मैंने इन बच्चों को रोड किनारे बैठे देखा तो मुझे अपने दिन याद आ गए इस लिए मैने इनके लिए कपड़े लिए और इनको सरप्राएज देने के लिए इनको इतना इंतजार कराया यह सुन वहा मौजूद लोगों ने ताली बजाई और दोनों गरीब अनाथ बच्चों को भी एक सहारा मिल गया।

विधि का विधान ( Short Hindi Kahani )

एक समय की बात हैं एक दिन विष्णु जी के वाहन गरुण देव ने पृथ्वी का भ्रमण करने की सोची और विष्णु जी की आज्ञा लेकर वो निकल पड़े पृथ्वी के भ्रमण में पृथ्वी के भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा की एक छोटी चिड़ियां आसमान में खुश हो कर उड़ रही हैं. और पास में यमराज जी के दूत उस चिड़ियां को देख रहें हैं, और आपस में बात कर रहें हैं, की कब इस चिड़िया के प्राण निकलेंगे और कब हम इसे यमलोक ले जायेगे तभी गरुण जी को उस चिड़िया पर दया आ गईं और उसे बचाने के लिए वो तेजी से उड़े और चिड़िया को अपने पंजों में लेकर वहा से बहुत किलोमीटर दूर एक जंगल में पहुंच गए जहां उन्होंने उस चिड़िया को एक पेड़ में रख दिया, जिसके बाद गरुण देव ने सोचा की मैने इस चिड़िया की जान बचा दी चलो यमलोक जा कर यमराज को इसके बारे में बताया जाए यह सोच वो यमलोक पहुंच गए और वहां जा कर यमराज जी से बोले आज मैने एक चिड़ियां की जान बचाई हैं, जिसकी आत्मा को लेने आपने अपने दूतो को पृथ्वी लोक भेजा था यह बोल वो हंसने लगे तभी यमराज जी ने कहा गरुण देव आज आप नही होते तो विधि का विधान बदल जाता यह सुन गरुण देव बोले कैसे यमदेव तब यमराज जी ने उनसे कहा की जिस चिड़ियां की आत्मा को लेने मैने अपने दूतो को पृथ्वी में भेजा था वो जिस स्थान में आसमान में खुशी खुशी उड़ रही थीं वहा उसकी मृत्यु नही लिखी थीं बल्कि विधि के विधान के अनुसार इस चिड़ियां की मृत्यु उस स्थान से कई किलोमीटर दूर एक जंगल में एक पेड़ पर लिखी थीं जहा उसको एक साप का भोजन बनना था यह देख में सोच रहा था की इतने कम समय में यह छोटी चिड़िया उतने दूर कैसे पहुंचेगी लेकिन आप ने उसे वहा पहुंचा विधि के विधान को को पूरा कर दिया यह सुन गरुण देव बहुत दुःखी हुवे और विष्णु भगवान के पास चले गए और उनको सारी बात बताई तब विष्णु भगवान से गरुण देव को कहा की हर प्राणी का जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर उसके पृथ्वी लोक में जन्म लेने से पहले ही लिखा होता हैं. और इस विधि के विधान को कोई नही बदल सकता लेकिन प्राणी अपने जीवन में किए गए अच्छे कर्मों के आधार पर स्वर्गलोक में उच्च स्थान जरूर प्राप्त कर सकता हैं, यह सुन गरुण देव की मन की व्यथा कम हुवी।

शेर और चूहा छोटी सी कहानी 

एक बार की बात हैं, एक भूखा शेर शिकार की तलाश में जंगल में घूम रहा था , तभी उसे एक चूहा मिला और उसने उसे पकड़ लिया चूहा डर के मारे शेर से बोला शेर जी आप तो इस जंगल के राजा हों प्लीज मुझे छोड़ दो में अपने बच्चो के लिए खाना ढूंढने आया हूं वैसे भी मुझे खा कर आपका पेट थोड़ी ना भरेगा शेर चूहे की बात सुन बोला चलो तुमको जानें देता हूं जा जी ले अपनी जिंदगी तब चूहा बोला शेर जी धन्यवाद आपका में आपको विश्वास दिलाता हूं की कभी आप पर कोई मुसीबत आयेगी तो में अपने परिवार के साथ आपकी  मदद करनें जरूर आऊंगा , चूहे की यह बात सुन शेर जोर जोर से हंसने लगा और बोला अरे भाई अब हंसा हंसा के मारेगा क्या जा यहां से मेरे नाखून के बराबर तो तू हैं तू क्या मेरी मदद करेगा यह सुन चूहा चले गया।
कुछ दिन बीते महिने बीते एक दिन शेर शिकार की तलाश में जंगल में भटक रहा था तभी वो एक शिकारी के फैलाए जाल में फस गया जाल मोटी मोटी रस्सियों से बना था जिस कारण शेर ने अपने आप को जाल से निकालने की पूरी कोशिश की पर वो नहीं निकल पाया, शेर के जाल में फसने की बात सुन जंगल के सभी जानवरों ने उसे जाल से निकालने की कोशिश की पर कोई कामयाब नही हुवा तभी चूहे को इस बात का पता चला तो वो अपने परिवार व दोस्तों के साथ शेर को बचाने पहुंच गया और सभी जानवरों से कहा तुम सभी पीछे हटो हम कोशिश करते हैं, चूहे की यह बात सुन सभी जानवर हंसने लगे लेकिन चूहे ने किसी पर ध्यान नहीं दिया और अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ मिल कर जाल को अपने दांतों से काटने लगा कुछ देर प्रयास करने के बाद चूहे ने जाल को काट दिया और शेर को बचा लिया यह देख शेर और सभी जानवरों ने चूहे से माफी मांगी।

सीख - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की हमे कभी भी किसी को छोटा समझ उसकी काबिलियत को नजरंदाज नहीं करना चाहिए ।
 
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आखरी शब्द - 

आज के इस ब्लॉग में हम आपके लिए बहुत सारी हिंदी कहानियां ( Hindi KahaniyaShort Stories In Hindi लेकर आए थे आशा करते हैं. आपकों यह कहानियां अच्छी लगी होगी और इससे आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिला होगा आपका इस ब्लॉग में आने के लिए धन्यवाद आपका दिन शुभ हों।

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