Swing Trading Kya Hai:- नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं. इस ब्लॉग लेख में जहां हम आपकों स्विंग ट्रेडिंग के बारे में विस्तार में जानकारी देने वालें हैं. ताकी अगर आप इस लेख को पढ़ लो तो आपको स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जानने के लिए कहीं और न जाना पड़े
आज के समय में बहुत सारे लोग ट्रेडिंग से पैसा बनाना चाहते हैं. Trading के प्रकार में ही एक ट्रेडिंग आती हैं. जिसे Swing Trading कहते हैं. जिससे बहुत सारे ट्रेडर आज के समय में बहुत सारा पैसा कमाते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ( Swing Trading Kya Hai )
Swing Trading , ट्रेडिंग का एक ऐसा प्रकार हैं. जहां पर ट्रेडर अपनी पोजीशन को एक दिन से ज्यादा 1,2 हफ्ते या उससे भी ज्यादा महीनों तक होल्ड करता हैं. और अच्छे पैसे बनाता हैं. हालाकी इसमें भी रिस्क होता है. लेकिन ट्रेडर्स शेयर की Technical Analysis और Fundamental Analysis के आधार पर स्विंग ट्रेडिंग कर अच्छा पैसा बनाते हैं ।
Swing Trading Information |
Swing Trading में ट्रेडर किसी भी शेयर के शॉर्ट टर्म में होने वाले मूवमेंट का फायदा उठाता हैं. स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण डिसीजन होता हैं. की वो कब शेयर को Buy करे और कब उसे Sell क्योंकि इससे ही यह डिसाइड होता हैं. की वो शेयर में हो रहें मूवमेंट का कितना फायदा उठा सकता हैं।
उदाहरण- मान लीजिए X एक कंपनी हैं. जिसके शेयर के दाम कुछ हफ्तों में 100, से बढ़ कर 200 रूपये गए और आज के समय में 150 रूपये में है. तो यहां पर हमनें देखा की कंपनी के शेयर में ₹100 के Low से ₹200 के High तक हमें ₹100 रूपये का मूवमेंट देखने को मिला इसी मूवमेंट को हम Swing कहते हैं. अब हमनें यह तो देख लिया की कम्पनी के शेयर में 100 रूपये का मूवमेंट हुवा लेकिन इसके बीच में को ट्रेडर सही डिसीजन के साथ ट्रेड कर शेयर को जीतने कम दाम में Buy कर पायेगा और जितने अधिक दाम में बेच पायेगा उसे उतना ज्यादा प्रॉफिट होगा।
अगर में एक ट्रेडर हु और स्विंग ट्रेडिंग करता हू तो मेरी नजर कम्पनियों के शेयर में रहेगी और मैं किसी भी शेयर की Technical Analysis और Fundamental Analysis के आधार पर एक डिसीजन ले कर शेयर को सही दाम में खरीद कर उसे सही दाम में बेच प्रॉफिट कमा लुंगा यानी मैं X कंपनी के शेयर को 120 में Buy कर पोजिशन बनाता हु और उसका प्राइज 180 होने पर उसे बेच देता हु तो हर शेयर में मुझे 60 रूपये का प्रोफिट होगा जो की 100 रूपये के मूवमेंट में से होगा जो एक एक्सीलेंट स्विंग ट्रेड कहलाएगा यानी मै 2 लाख से स्विंग ट्रेड करता हु तो डायरेक्ट एक लाख 20 हजार का मुनाफा होगा।
( नोट- ऊपर दिया गया उदाहरण केवल आपको समझाने के लिए दिया गया हैं. हालाकी स्विंग ट्रेडिंग में इतना ज्यादा प्रॉफिट ले पाना किसी भी ट्रेडर्स के लिए बहुत मुश्किल हैं. ज्यादातर एक बढ़िया स्विंग ट्रेडर्स 5 से लेकर 10, 15 प्रतिशत का ही लाभ ले पाते हैं जो भी काफी ज्यादा होता हैं. कम समय में )
Swing Trading कैसे काम करती हैं
किसी भी स्टॉक्स में स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले किसी भी ट्रेडर्स को निम्न बातों का ध्यान रखना होता हैं.
- Market Trend
- Stocks की कीमत में बदलाव
- Trading चार्ट पैटर्न
Swing Trading करने के उद्देश्य
- स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य ट्रेड रिवर्सल और Continuation, से शेयर मार्केट में आने वाले पॉजिटिव ब्रेकआउट को ढूढना और एक सही समय में एंट्री लेकर Stocks में हो रहें उतार - चढ़ाव का फायदा लेकर प्रॉफिट कमाना।
- ट्रेडर्स को हमेशा खुद के टारगेट पर फोकस करना चाहिए ताकी वो अपनी लागत में अच्छा प्रॉफिट कमा सकें।
- स्विंग ट्रेडर्स का उद्देश्य यह होना चाहिए की वो हमेशा मार्केट में मिलने वाले बड़े उतार चढ़ाव पर ध्यान रखे और सही समय में पोजिशन बना मूवमेंट के गायब होने से पहले प्रॉफिट बना बाहर निकल सकें।
- स्विंग ट्रेडर्स लबे समय से स्थापित ट्रेड में कम समय के लिए दिखने वाले मूवमेंट का फायदा उठाते हैं. और प्रॉफिट कमाते हैं।
- हमेशा स्विंग ट्रेडर्स का यह उद्देश्य यह रहता हैं. की वो शेयर या इंडेक्स को उस सपोर्ट लेवल पर खरीदे जहां से दिखने वाली तेजी का उसे अधिकतम फायदा मिल सकें, या उस रजिस्टेंस लेवल के नजदीक बिक्री करके खड़ा रहें और मार्केट गिरने पर उसका फायदा ले सकें।
Swing Trading में शेयर होल्डिंग का समय
स्विंग ट्रेडिंग में किसी भी शेयर पर कब तक या कितने समय तक पॉजिशन बना कर रखनी हैं. यह निम्न बातों पर निर्भर करता हैं।
Swing Trading में आपको एक दिन से ज्यादा ट्रेड को होल्ड करना पड़ता हैं, यानी आप उसे दुसरे दिन या एक हफ्ते के अंदर या दो हफ्तों से लेकर महीनों तक भी बेच सकतें हो बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता हैं।
Swing Trading में जब एक बार आप पॉजिशन ले लेते हो तो आपकों उससे तब तक बाहर नहीं निकलना हैं जब तक की आपकों उस शेयर या इंडेक्स में मूवमेंट रहें।
स्विंग ट्रेडिंग की पॉजिशन से ट्रेडर्स को तब बाहर निकलना चाहिए जब ट्रेड पहली बार रिवर्सल का संकेत देने लगें और ट्रेड स्टॉप लॉस का लेवल टूटता दिखे।
स्विंग ट्रेंडिंग में ट्रेडर्स को पॉजिशन बनाने के बाद शेयर के Consolidation में जाने से पहले उससे बाहर निकल जाना चाहिए।
आप कभी भी स्विंग ट्रेंडिंग को फिक्स दिनों के लिए न करें बल्कि इसे समझे और शेयर या इंडेक्स में हो रहें मूवमेंट में से ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट निकालने की सोचे चाहे आपको पॉजिशन हफ्तों से लेकर महीनों तक ही क्यों न बनानी पड़े।
Swing Trading में रिस्क कितना हैं
स्विंग ट्रेडिंग में ही नही बल्की हर प्रकार की ट्रेडिंग में रिस्क होता हैं. यह तो बस आपके ऊपर होता हैं. की आपकों Trading की कितनी ज्यादा नॉलेज और एक्सपीरियंस है. जिसके आधार पर कोई भी ट्रेडर्स रिस्क लेता हैं, स्विंग ट्रेडिंग में Overnight Risk की संभावना होती हैं. जैसे की मार्केट क्लोज होने के बाद शेयर से सम्बन्धित कोई बुरी खबर आती हैं तो दुसरे दिन मार्केट के खुलने के साथ ही शेयर के प्राइज में गैप डाउन गिरावट देखने को मिल जाती हैं जिसे Overnight Risk कहा जाता हैं. लेकिन ज्यादातर ऐसा नही होता क्योंकी ट्रेडर्स शेयर की Technical Analysis करें रखते हैं, और जरूरत पड़ने पर Fundamental Analysis भी करते हैं तब जाकर किसी भी शेयर या इंडेक्स में पॉजिशन बनाते हैं।
Swing Trading में Technical Analysis का क्या महत्त्व हैं
Swing Trading की सही रणनीतियां
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
- ट्रैडिंग में कम समय में अधिक पैसे बनाने के लिए Swing Trading एक बेहतर ऑप्शन है।
- स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स साप्ताहिक , मासिक, और वार्षिक न्यूज का लाभ उठा सकतें है।
- जहां एक और इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको मार्केट खुलने से लेकर बंद होने तक स्क्रीन के सामने रहना पड़ता हैं तो वहीं स्विंग ट्रेडिंग में बहुत कम समय देकर भी आप ट्रेडिंग कर सकतें हों।
- इंट्राडे के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग में कम रिस्क हैं. साथ ही इस ट्रेडिंग को करना इंट्राडे के मुकाबले आसान भी है।
स्विंग ट्रेंडिंग के नुकसान
- कम समय में स्टॉक्स से एग्जिट होने की वजह से बडा मुनाफा नही बन पता।
- किसी भी शेयर को लेकर नियमित रूप से अपडेट रहना पड़ता हैं।
- दुसरे ट्रेडिंग रिस्क के अलावा भी स्विंग ट्रेंडिंग में Overnight Risk भी शामिल होता हैं।
- स्विंग ट्रेंडिंग करने के लिए Technical Analysis के अलावा भी Fundamental Analysis करना भी आना जरूरी हैं।
- स्विंग ट्रेंडिंग में इंट्राडे के मुकाबले कम प्रॉफिट बनता हैं।
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