अगर आप शेयर मार्केट के बारे में रूचि रखते हों तो आपने Option Trading के बारे में जरुर सुना होगा, या हों सकता हैं आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते भी हों. लेकिन क्या आपको पता है, ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में नहीं तो आज के इस लेख में हम आपकों ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सारी जानकारी सरल भाषा में देने की कोशिश करेगें ताकी आप Option Trading के बारे में जान सकों।
आपने बहुत बार सुना होगा की फलाना इंसान ने Option Trading कर लाखों रूपये कमा लिए , या Option Trading में बहुत पैसा है, जहां आप कुछ ही मिनटों या घंटो में लाखों रुपया कमा सकतें हों।
लेकिन यह कहना सही नहीं होगा की आप मिनटों या घंटो में ऑप्शन ट्रेडिंग कर लाखों , करोड़ों रुपए कमा लो , क्योंकि अगर आपको Trading की अच्छी नॉलेज नहीं या आप Option Trading के बारे में अच्छे से नही जानते हों , तो हो सकता हैं आप यहां लाखों रुपए कुछ ही मिनटों या घंटों में गवा दो।
आपको बता दे की आप ऑप्शन ट्रेडिंग से बहुत सारा पैसा रोजाना कमा सकतें हों लेकिन तब जब आपको Option Trading की अच्छी जानकारी हों तो इस लेख में हम आपको Option Trading Kya Hai, के बारे में सारी जानकारी देगें ताकी आपको कही और न जाना पड़े।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या हैं ( Option Trading Kya Hai )
Option Trading एक कॉन्ट्रेक्ट होता हैं, को निवेशक यानी आपको किसी खास तारीख को एक कीमत में सिक्योरिटी को खरीदने तथा बेचने का अधिकार देता हैं. लेकिन भविष्य में विशिष्ट प्राइज पर सिक्योरिटीज को खरीदने या बेचने का दायित्व नहीं देता. बल्की ऑप्शन की मजूरी लेने के लिए खरीदार , विक्रेता को एक भुगतान ( प्रीमियम ) संग्रहित करता हैं।
उदाहरण:- मान लीजिए 2024 के आईपीएल के लिए फलाना 3 टेलीविजन कंपनियों ने कॉन्ट्रेक्ट में बीड की हैं. ताकी वो आईपीएल के टेलीविजन राइट ले सकें. लेकिन आपको लगता हैं, तीनो कम्पनी में से इस कम्पनी जिसके शेयर की कीमत अभी 100 रूपये हैं, उसे कॉन्ट्रेक्ट मिल सकता हैं, जिसके बाद उस कम्पनी के शेयर 200 तक हों सकतें हैं. पर आप स्योर नही की इस कंपनी को ही कॉन्ट्रेक्ट मिलेगा क्योंकि अगर उस कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट नही मिला तो उसके शेयर के दाम 100 से 50 में भी आ सकतें हैं, तो अब आप ऐसे में क्या कर सकते हों, लेकिन अगर आपको कोई कहें की आप मुझे 20 रूपये शेयर के हिसाब से अभी भुगतान कर अपनी 100 रूपये में बुकिंग करा दो में आपको कॉन्ट्रेक्ट पड़ने के बाद भी 100 रूपये के हिसाब से उसके शेयर दुगा चाहे कंपनी के शेयर की कीमत कॉन्ट्रेक्ट मिलने के बाद 200 जाए या न मिलने पर 50 चले जाएं आपको 100 रुपए में शेयर मिल जायेगे .
तो ऐसे में आपकी टेंशन खत्म और आप 20 रूपये दे कर बुकिंग करा लेते हों, अब अगर कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट मिल गया और उसके शेयर के दाम 200 चले गए तो आपको 100 रूपये में उसका शेयर मिल जायेगा जिसके लिए आपको 80 रूपये देने होगे क्योंकि अपने 20 पहले दिए हैं. जिससे आपको 100 रूपये का फायदा हों जायेगा।
इसके विपरित अगर मान लो उस कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट नही मिला या मिलने के बाद भी उसके शेयर के दाम 50 रूपये में आ गए तो आप क्या करोगे आप करोगे यह की आप उसके शेयर को नहीं खरीदोगे क्योंकि आप इसके लिए बाध्य नहीं हों खरीदने पर आपको 50 रूपये का लॉस होगा और नही खरीदने पर केवल 20 रूपये जो की आपने प्रीमियम देकर बुकिंग कराई थी ।
यह तो सरल तरीके से हमने आपको बताया जिससे की आप बेसिक समझ सको लेकिन इसमें भी बहुत सारी बातें निर्भर करती हैं, जिनके बारे में हम इस लेख में आगे जानेंगे।
ऑप्शन ट्रेडिंग के प्रकार ( Types Of Option Trading )
Option Trading में ट्रेडर किसी भी स्टॉक्स , सिक्योरिटी, इंडेक्स में ट्रेड कर सकतें हैं, ट्रेडर किसी भी स्टॉक को लेकर बुलिश हैं या बेयरिश उसके आधार पर Option में Trading कर किसी भी सिक्योरिटी को स्टॉक प्राइज में खरीदने या बेचने का अधिकार प्राप्त कर सकते हैं.
ट्रेडर को Option में दो प्रकार के ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट मिलते हैं, Call और Put जिनमें वो अपनी ट्रेडिंग स्किल और मानसिकता के आधार पर ट्रेड कर सकतें हैं।
चलिए ऑप्शन ट्रेडिंग के प्रकार Call और Put को विस्तार में जानतें हैं.
कॉल ऑप्शन ( Call Option )
एक निश्चित समय अवधि के भीतर आप Call Option में निर्दिष्ट मूल्य पर किसी भी स्टॉक या इंडेक्स को खरीदने का अधिकार रखते हैं, लेकिन दायित्व नहीं आपको ऑप्शन खरीदने के लिए यहां पर एक राशी का भूगतान कर सकतें हैं, जिसे प्रीमियम कहा जाता हैं, Call Option में ट्रेडिंग करने की आखरी तिथि को समाप्ति तिथि कहा जाता हैं।
उदाहरण:- अगर ट्रेडर को लगता हैं की किसी भी स्टॉक की प्राइज बढ़ने वाली है, तो वह उसका Call Option खरीद सकता हैं, जिससे की वो बहुत कम पैसा लगा कर भी अच्छा लाभ कमा सकता हैं, ट्रेडर के पास ट्रेड करने के लिए जितना बजट हैं, वह उसका कैपिटल है, जिसको वो अपनी मानसिकता , और ट्रेडिंग के स्किल के आधार पर बढ़ा सकता हैं।
पुट ऑप्शन ( Put Option )
जिस तरह Call Option में ट्रेडर स्टॉक या इंडेक्स की कीमत बढ़ने की संभावना में Call Option Buy करता हैं. इसी के विपरीत Put Option में ट्रेडर स्टॉक या इंडेक्स की कीमत घटने की संभावना में स्टॉक या इंडेक्स को खरीदने के बजाए उसे एक निर्धारित स्ट्राइक मूल्य पर बेचता है, पुट ऑप्शन ट्रेडर को इसका अधिकार देता हैं।
उदाहरण:- अगर ट्रेडर को लगता हैं किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइज बढ़ने की बजाए घटने वाली है, तो वह इस स्टॉक या इंडेक्स का Put Option खरीदेगा , जिससे की उसको लाभ होगा।
Option Trading कैसे करते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग अगर आपको करनी है, तो आप Option में ट्रेड एक ऑनलाइन ब्रोकरेज खाते के माध्यम से भी कर सकतें हों आज के समय में बहुत सारे ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर आपको ऑप्शन ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं.
बस आपको किसी भी ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर में अपना डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना हैं, जिसके बाद आप स्टॉक ब्रोकर के द्वारा दिए गए ऐप से बहुत ही आसानी से ऑप्शन में ट्रेड कर सकतें हों।
ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों की जानकारी होनी चाहिए जैसे
स्टॉक सिंबल :- स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक रूप से कारोबार कर रही कम्पनियों के स्टॉक की एक विशिष्ट पहचान स्टॉक सिंबल है, जिसे स्टॉक टिकर्स सिंबल या टिकर सिंबल भी कहते हैं.
उदाहरण:- जिस तरह पैन नंबर भारत के नागरिकों की एक विशिष्ट पहचान होती हैं. उसी प्रकार स्टॉक सिंबल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध प्रत्येक कंपनी का एक प्रतीक होता हैं.
लेकिन स्टॉक सिंबल में भी प्रत्येक स्टॉक एक्सचेंज के लिए अलग अलग प्रतीक हों सकतें हैं।
कुछ स्टॉक सिंबल :-
Symbol | Company name |
A | Agilent Technologies Inc |
AA
| Alcoa Corporation |
AAC | Ares Acquisition Corporation |
समाप्ति तिथि ( Expiry Date ) - जिस तारीख को Option कॉन्ट्रेक्ट तारीख खत्म हों जायेगी उस को समाप्ति तिथि या Expiry Date कहते हैं, ऑप्शन ट्रेडिंग में हर एक ऑप्शन की एक्सपायरी डेट गुरुवार को होती हैं।
स्ट्राइक कीमत:- पहले से निर्धारित कीमत यानी Option Trading में स्टॉक या एसेट को जिस कॉन्ट्रेक्ट के तहत ट्रेड किया जाता है उसे स्टॉक कीमत कहते हैं।
ऑप्शन प्रीमियम:- आसान शब्दों में समझे तो Option Trading में Option Premium वो मूल्य हैं. जिसे कोई ट्रेडर Call Option या Put Option लेने के लिए चुकाता हैं।
तो अभी तक हमनें आपको इस लेख में बताया की ऑप्शन ट्रेडिंग क्या हैं, इसके प्रकार क्या हैं. तथा Option Trading Kaise Kare या ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले आपको क्या बेसिक जानकारी होनी चाहिए चलिए अब बात करते हैं. की Call Option ट्रेड कैसे करें तथा Put Option ट्रेड कैसे करें।
Call Option ट्रेड कैसे करें
ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपको अपनी ट्रेडिंग के नॉलेज और रिसर्च के आधार पर अगर लगता हैं. की किसी स्टॉक या इंडेक्स की कीमत Expiry Date से पहले बढ़ने वाली है. तो आप Call Option Buy करते हों और मुनाफा कमा लेते हों.
कॉल ऑप्शन बाय करने का मतलब होता हैं. की आप एक निश्चित समाप्ति तिथि के भीतर किसी स्टॉक या संपत्ति को खरीदने के लिए एक कॉन्ट्रेक्ट खरीद रहें हैं।
उदाहरण:- मान लीजिए अगर आप किसी कंपनी के 200 शेयर को 100 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से Call Option Buy करते हैं, और उस ऑप्शन के समाप्ति तिथि तक उस शेयर की कीमत 100 से बढ़ कर 150 हों जाती हैं, तो आप अपने Call Option का प्रयोग चुन उन 200 शेयर को 150 प्रति शेयर के हिसाब से बेच सकतें हों।
Put Option ट्रेड कैसे करें
ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपको अपनी ट्रेडिंग के नॉलेज और रिसर्च के आधार पर अगर लगता हैं. की किसी स्टॉक या इंडेक्स की कीमत Expiry Date से पहले नीचे जाने वाली है. तो आप Put Option Buy करते हों और मुनाफा बनाते हों.
पुट ऑप्शन बाय करने का मतलब होता हैं, की आप एक निश्चित समाप्ति तिथि के भीतर एक निश्चित मूल्य तक किसी स्टॉक या संपत्ति को खरीदते हैं. यानी की पुट ऑप्शन आपको Expiry Date तक सिक्योरिटी को बेचने का ऑप्शन यानी विकल्प देते हैं।
उदाहरण:- मान लीजिए अगर आप किसी कंपनी के 200 शेयर को 100 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से Put Option Buy करते हैं, और उस ऑप्शन के समाप्ति तिथि तक उस शेयर की कीमत 100 से घट कर 50 हों जाती हैं, तो आप अपने Put Option का प्रयोग चुन उन 200 शेयर को 100 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से बेचने का अधिकार रखते हों।
Option Trading शेयर मार्केट में कैसे काम करती हैं
Buyers & Sellers के बीच Option Trading एक कॉन्ट्रेक्ट की तरह काम करती हैं. जो की किसी निश्चित समाप्ति तिथि तक का होता हैं. यानी की कोई निवेशक अगर ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट खरीदता हैं तो यह उसे किसी निश्चित तिथि तक अंडरलाइंग एसेट खरीदने का अधिकार देता हैं।
लेकिन निवेशक किसी भी निश्चित तिथि से पहले या उसी तिथि पर अंडरलाइंग एसेट खरीदने के लिए बाध्य नहीं हैं, बस निवेशक को अपना प्रीमियम अमाउंट भूलना होगा जो की उसने कॉन्ट्रेक्ट करते समय दिया था।
उदाहरण- मान लीजिए आप किसी फ्रीज के दूकान में फ्रीज खरीदने गए आपको LG का लेटेस्ट मॉडल फ्रीज खरीदना है. लेकिन तभी आपको पता चलता है की अगले हफ्ते LG कम्पनी फ्रीज के दामों में बदलाव करनें वाली है।
अब संभावना यह हैं, की या तो फ्रीज के दाम बढ़ेंगे या घटेंगे जिसके बारे में आपकों कोई आईडियाज नही है बस आपकों पता हैं की कुछ बदलाव होने वालें हैं. लेकिन आप ने अनुमान लगाया की फ्रिज के दाम बढ़ सकतें हैं. इस लिए आप दुकानदार के पास जाकर उस फ्रीज को खरीदने के बारे में कहते हों. लेकिन दुकानदार आपसे कहता हैं की लेटेस्ट मॉडल के सारे फ्रीज बिक चुके हैं. और नए फ्रीज अगले हफ्ते ही आयेगे।
अब आप सोचते हों की साला अगले हफ्ते तो LG कंपनी फ्रीज के दामों में बदलाव करनें वाली हैं. जो फ्रीज मुझे आज 15000 का मिलता क्या पता अगले हफ्ते 18000 का मिले।
लेकिन तभी दुकानदार कहता हैं की आप को आज के ही रेट में अगले हफ्ते जब फ्रिज आ जायेगे तब फ्रीज मिल सकता हैं. लेकिन इसके लिए आपकों मुझे एक बुकिंग अमाउंट देना पड़ेगा।
अब आप दुकानदार से कहते हों की कितना बुकिंग अमाउंट तो दुकानदार कहता हैं. LG का यह मॉडल 15000 का है आप अभी 500 रूपये बुकिंग अमाउंट दे कर अगले हफ्ते के लिए अपनी booking फिक्स कर सकतें हों. और अगले हफ्ते जब फ्रीज आ जाए तो आप 14500 रूपये दे कर फ्रिज ले जा सकतें हों।
अब आप ऐसा ही करते हों और 500 रूपये में booking करवा अगले हफ्ते दूकान में आते हों और अब दुकानदार आपसे कहता हैं. 14500 रूपये दीजिए और अपना फ्रीज ले जाइए ।
तभी आपके मन में यह सवाल आता हैं की एक बार फ्रिज के लेटेस्ट दाम पुछ लिए जाएं और आप पूछते हों तब दुकानदार कहता हैं की फ्रिज के लेटेस्ट दाम 12000 रूपये हैं. जिससे आपको झटका लगता हैं।
अब आप दुकानदार से 12000 में फ्रीज देने की बात करते हों लेकिन दुकानदार कहता हैं आप 12000 में फ्रीज ले जा सकतें हो लेकिन आपको Booking अमाउंट भूलना होगा।
ऐसे में आपके सामने दो विकप्ल होते हैं या तो 14500 रूपये दे कर फ्रिज ले या फिर बुकिंग अमाउंट भूल कर 12000 में फ्रिज ले बेशक आप 12000 में फ्रिज लेंगे लेकिन आपको 500 बुकिंग अमाउंट नही मिलेगा।
तो दोस्तों ठीक इसी तरह Option Trading काम करता हैं, जिसमें Booking को प्रीमियम कहा जाता हैं. और जिसे आप खरीदना चाहते हो उसे Underlying asset कहते हैं।
मान लीजिए अगर LG के फ्रिज का दाम घटने के बजाय बढ़ जाता यानी 20000 हों जाता तो आपको 5000 का प्रॉफिट हों जाता क्योंकी अपने 500 बुकिंग अमाउंट जिसे प्रीमियम कहा जाता है, देकर 15000 में दुकानदार के साथ कॉन्ट्रेक्ट किया था यानी उसकी बुकिंग कराई थी जिस कारण दुकानदार को फ्रिज आपको 15000 में ही देना पड़ता।
वैसे देखा जाए तो Option Trading को समझना इंतना मुश्किल भी नहीं बस आपको इसके बारे में बेसिक चीजों की जानकारी होनी चाहिए।
Option Trading Expiry Date कब होती हैं
ऑप्शन ट्रेंडिंग में समाप्ति तिथि क्या होती हैं. यह तो हमनें आपको ऊपर इस लेख में बता दिया हैं. लेकिन अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा की आखिर Expiry Date कब होती हैं तो चलिए जानतें हैं।
दोस्तो आपकों बता दे की Option Trading में हर एक ऑप्शन की एक Expiry Date होती हैं जो की गुरुवार को होती हैं. Expiry दो तरह की होती हैं. पहली हफ्ते में और दूसरी महीने में Nifty या Banknifty में Weekly Expiry होती हैं जब की स्टॉक्स में Monthly Expiry होती हैं. जो की महीने के आखरी सप्ताह के गुरुवार को होती हैं।
इस प्रकार आप ऑप्शन ट्रेंडिंग में किसी भी ऑप्शन चाहे वो कॉल हों या पुट को Expiry Date से पहले या Expiry Date पर खरीद या बेच सकतें हों।
ऑप्शन ट्रेंडिंग कितने तरीके से की जाती हैं
दोस्तों आपकों बता दे की Option Trading दो तरीकों से की जाती हैं
- ऑप्शन बाइंग ( Option Buying )
- ऑप्शन सेलिंग ( Option Selling )
Option Buying- ज्यादातर ट्रेडर्स ऑप्शन बाइंग करते हैं क्योंकी इसे करने के लिए कम कैपिटल यानी कम पैसे की जरूरत पड़ती हैं. Option Buying में आपकों मार्केट को समझ कर अनुमान लगाना पड़ता हैं. और उस हिसाब से Call Buy या Put Buy करना होता हैं.
उदाहरण- अगर आप Option Buying में Call Buy करते हों और अगर मार्केट ऊपर जाता हैं तो आपको प्रॉफिट होता हैं. तथा अगर आप Put Buy करते हों और मार्केट नीचे जाता हैं तो आपको प्रॉफिट होता हैं।
Option Sellings- बहुत सारे ट्रेडर्स ऑप्शन सेलिंग भी करते हैं इसमें ट्रेड करने के लिए ज्यादा कैपिटल यानी ज्यादा पैसे की जरूरत होती हैं. Option Buying में आपको मार्केट को समझ कर अनुमान लगाना पड़ता हैं. और उस हिसाब से Call Sell या Put Sell करना होता हैं।
उदाहरण- अगर आप Option Selling में Call Sell करते हो और मार्केट नीचे जाता हैं तो आपको प्रॉफिट होता हैं. और अगर आप Put Sell करते हों और मार्केट ऊपर जाता हैं तो आपको प्रॉफिट होता हैं. लेकिन कभी ऐसा भी होता हैं की मार्केट साइडवेज हो जाता हैं न वो नीचे जाता न ही ऊपर तो ऐसे में भी Option Selling में ट्रेडर्स को प्रॉफिट होता हैं, यह होता है समय की वैल्यू के आधार पर ।
Option Buying और Option Selling में अंतर
Option Buying | Option Selling |
इस प्रकार की ट्रेडिंग में रिस्क जो होता हैं. वो लिमिटेड होता हैं। | इस प्रकार की ट्रेंडिंग में रिस्क जो होता है वो अनलिमिटेड होता हैं। |
इसमें अनलिमिटेड प्रॉफिट हों सकता हैं। | इसमें लिमिटेड प्रॉफिट होता हैं। |
इसमें विनिंग के चांस लगभग 33% होते हैं। | इसमें विनिंग के चांस लगभग 66% होते हैं। |
इसमें आप 500 , 1000 रूपयो से ट्रेड कर सकते हों। | इसमें आप कम से कम 1 लाख रूपये से ट्रेड कर सकतें हों। |
अभी तक हमनें इस लेख में यह तो जान लिया है की Option Trading Kya Hai, ऑप्शन ट्रेंडिंग कैसे करे आदि जानकारी चलिए अब जानते हैं. की ऑप्शन ट्रेंडिंग सीखने के लिए क्या करें।
Option Trading कैसे सीखें जानिए ?
अगर आप ट्रेडिंग से पैसे कमाने की सोच रहें हों तो Option Trading आज के समय में बेस्ट ऑप्शन है. बहुत सारे लोग आज ऑप्शन ट्रेडिंग के जरीए महीने का लाखों करोड़ों कमा रहें हैं. लेकिन अगर आप नए ट्रेडर बनने की सोच रहे हों तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए मार्केट रिसर्च , ऑप्शन चेन डाटा , स्ट्राइक प्राइज , पुट कॉल रेसियो , ट्रेड एनालिसिस आदि बहुत सारी चीजों को समझना होगा और यह सब चीजों को समझने के लिए आपको रोजाना कुछ घंटे देने होगे।
- शुरुवात में आपको सबसे पहले ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक सिखने होगे।
- आपकों शेयर मार्केट से सम्बन्धित Books पढ़ने होगे जिसमें भी आपको ऑप्शन ट्रेडिंग की बुक्स मिल जायेगी।
- आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से सम्बन्धित Google में आर्टिकल पढ़ने होगे या फिर आप YouTube में विडीयो भी देख सकतें हों ।
- आपको शुरुवात में डायरेक्ट रीयल पैसे लगा कर ट्रेडिंग नही करनी बल्की आपको पेपर ट्रेडिंग के बहुत सारे ऐप मिल जायेगे जिस में आप ट्रेडिंग सीखने के लिए प्रेक्टिस कर सकतें हों।
- रोजाना कुछ न कुछ सीखने का प्रयास करते रहें शेयर मार्केट के हर एक दाव पेंच को समझें ।
ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के नियम
👉अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करने की सोच रहें हों या करते हों तो आपको कुछ नियमों का पालन करते हुवे चलना होगा तभी आप एक सक्सेसफुल ट्रेडर बनोगे नहीं तो आपको सिर्फ़ नुकसान हो होगा ।
आप ऑप्शन ट्रेडिंग में रोज हों रहें नुकसान को कम करने की कोशिश करें यानी कुछ प्रॉफिट होने पर उसका 70 % प्रॉफिट बुक कर ले नही तो आप प्रॉफिट को नुकसान में बदल दोगे।
👉ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको रिस्क को मैनेज करना सिखना है हालाकी आपको रिस्क तो लेना हैं. लेकिन उतना ही जितने का आप ले सकतें हों. न की आप एक दिन या एक ट्रेड में ही अपने सारे कैपिटल को ही लगा दो ऐसा करनें पर आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं. क्योंकी एक गलत ट्रेड और आपका सारा कैपिटल साफ इस लिए रिस्क को मैनेज करें।
👉लालच से बचे हम बचपन से सुनते आ रहें हैं की लालच एक बुरी बला हैं. जो सही भी है अगर आप Option Trading में अपने लालच को कंट्रोल नही कर सकें हो इसका मतलब आपको लास उठाना पड़ेगा तभी तो ट्रैडिंग से हर कोई पैसे नही बना पाता क्योंकि हर 10 में से 9 लोग रोजाना एक ट्रेंड लेने के बाद अच्छा प्रॉफिट कमा लेते हैं. लेकिन एक ही दिन में ज्यादा कमाने का लालच उनको प्रॉफिट के बाद भी मल्टीपल ट्रेंड लेने के लिए उकसाता हैं. जिससे वो मार्केट बंद होने तक प्रॉफिट को लॉस में बदल देते हैं. इस लिए लालच करने से बचना बहुत जरूरी हैं. अगर आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कमाने हैं।
ऑप्शन ट्रैडिंग करने में कितना पैसा लगता हैं
यह डिपेंड करता हैं आप किस तरीके की ट्रेडिंग कर रहें हों अगर हम Option Buying की बात करे तो आप कम से कम 100 ,500, 1000, 5000 रूपये से इसे कर सकते हों लेकिन अगर आप Option Selling करते हो तो कम से कम आपके पास 1 लाख रूपये होना चाहिए ।
Option Treding के फायदे और नुकसान
ऑप्शन ट्रैडिंग क्या हैं, कैसे करें कैसे सीखें आदि बहुत कुछ जानने के बाद अब ऑप्शन ट्रैडिंग के फायदे और नुकसान के बारे में भी जान लेते हैं।
ऑप्शन ट्रैडिंग के फायदे
- आप कम पूजी के जरीए भी ऑप्शन ट्रैडिंग में ट्रेंड कर सकते हों।
- ऑप्शन ट्रैडिंग आपको फ्लैक्सिबिलिटी के साथ ही लिक्विडिटी भी प्रदान करता है।
- किसी भी मार्केट कंडीशन में आप ऑप्शन का उपयोग कर सकते हों. जो की किसी अन्य में मुमकिन नहीं।
- शेयर मार्केट अगर आपके प्रिडिक्सन के अनुसार मूव करता हैं तो आप कम कैपिटल में भी अच्छा खासा पैसा सकतें हों।
ऑप्शन ट्रैडिंग के नुकसान
- बिना ऑप्शन ट्रैडिंग की नॉलेज के अगर आप ऑप्शन में ट्रेंड करते हो तो आपका पैसा डूब सकता हैं।
- ऑप्शन ट्रैडिंग, इंट्राडे ट्रैडिंग की तरह नहीं यहां पर एक गलत डिसीजन में आप एक मिनट में ही लाखों रूपये गवा सकतें हों।
- ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपके अनुमान के विपरित मार्केट मूव करता हैं तो आपकी प्रीमियम की वैल्यू लगातार कम होते जाती हैं।
यह भी जानें
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FAQs:- Option Trading Kya Hai
ऑप्शन ट्रैडिंग कैसे सीखें ?
अगर आपकों ऑप्शन ट्रैडिंग सीखना हैं, तो आप Google में आर्टिकल पढ़ सकतें हों, ऑप्शन ट्रैडिंग की किताबे पढ़ सकतें हों , Youtube में विडीयो देख सकतें हों और प्रेक्टिस के लिए शुरुवात में पेपर ट्रैडिंग कर सकते हों।
ट्रैडिंग के लिए बेस्ट ऐप्स कौन सा हैं?
Zerodha, Upstox, Groww आदि बहुत सारे ऐप हैं जिनके जरीए आप आसनी से ट्रैडिंग कर सकतें हों।
हम ऑप्शन ट्रैडिंग में कितना पैसा कमा सकतें हैं?
यह कोई फिक्स नहीं आप अगर एक अच्छे ट्रेडर हों तो आप दिन का ही लाखों , करोड़ो ऑप्शन ट्रैडिंग से कमा सकते हों लेकिन एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए आपको सालों मेहनत करनी होगी।
ऑप्शन ट्रैडिंग कैसे करते हैं?
आप आज मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे इसका अनुमान लगा कर Call या Put ऑप्शन Buy या Sell करते हों और अगर मार्केट आपके अनुमान के अनुरूप गया तो आप अच्छा प्रॉफिट कमा लेते हों लेकिन को अनुमान लगाना होता हैं. वो तुक्के से नही लगाना होता बल की फुल रिसर्च करके लगाना होता हैं।
ऑप्शन ट्रैडिंग में लॉस से बचने के लिए क्या करें?
स्टॉप लास लगाना सीखे, प्रॉफिट होने पर प्रॉफिट को बुक करले और लालच से बच कर रहे नही तो आपका प्रॉफिट कब लॉस में चले जाएगा आपको पता भी नही चलेगा।
स्टॉक मार्केट सीखने के लिए बेस्ट YouTube Channel कौन से हैं?
- Pranjal Kamra
- Asset Yogi
- Neeraj Joshi
- Market Gurukul
- Pushkar Raj Thakur
निष्कर्ष:-
आज के इस ब्लॉग लेख में हमनें जाना की Option Trading Kya Hai ऑप्शन ट्रैडिंग कैसे करें , ऑप्शन ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती हैं, Expiry Date क्या होती हैं. Call एवम Put में कब ट्रेड करे Option Buying और Option Selling क्या हैं, इसमें क्या अंतर हैं. आदि बहुत सारी जानकारी आशा करते हैं आपकों यह ब्लॉग लेख पसंद आया होगा और आपको इससे बहुत कुछ ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सीखने को मिला होगा धन्यवाद आपका दिन शुभ हों।
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