नमस्कार दोस्तों अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हों या करने की सोच रहे हों तों आपने News में किताबों में या शेयर मार्किट से सम्बंधित वीडियो में Market Cap नाम का शब्द जरूर सुना होगा शेयर मार्केट में निवेश करने वाले दोस्त तों Market Cap Kya Hota hai ये जानते होगें लेकिन जों दोस्त शेयर मार्केट के बारे में ज्ञान ले रहे है हों सकता है वो मार्केट कैप क्या होता है, यानी बाजार पूंजीकरण क्या है इसके बारे में नहीं जानते होगें तो चलिए आज इस ब्लॉग पोस्ट पर Market Cap Kya Hota hai इसी पर चर्चा करते है, ओर मार्केट कैप सम्बंधित सभी जानकारी आपको देते है |
मार्केट कैप क्या है? |
Market Cap Kya Hota hai? ( What is Market Cap in hindi )
असल में Market Capitalization यानी बाजार पूंजीकरण के शार्ट फॉर्म को ही Market Cap कहते है, मार्केट कैप किसी भी कंपनी के मौजूदा शेयरों की कुल Market value को दर्शाता है, जिससे मौजूदा समय में कंपनी की मार्केट वैल्यू भी पता चलती है, क्योंकि स्टॉक मार्केट में शेयरों को निवेशको द्वारा खरीदा बेचा जाता रहता है तो समय - समय में शेयरों की कीमत में उतार - चढ़ाव देखने को मिलता रहता है जिससे कंपनी के मार्केट कैप में भी उतार - चढ़ाव आता रहता है, मार्केट कैप का कंपनी व उसके संसाधनों की वास्तविक लागत से कोई तालुक नहीं होता वो तो बस कंपनी के लाभ कमाने की संभावना से प्रभावित होते है.
मार्केट कैप की गणना कैसे की जाती है ( How to Calculate Market Cap )
ऊपर हमनें ये जान लिया की मार्केट कैप क्या होता है, अब हम जानेगे किसी कंपनी का Market Cap Calculate कैसे करते है किसी भी कंपनी के मार्केट कैप की गणना करने के लिए कंपनी के कुल बेचे गये शेयरों की संख्या को कंपनी के एक शेयर की कीमत जों वर्तमान में चल रही है से गुणा करना पड़ता है,
इसका फार्मूला - MC = N×P यह है
अब अगर शेयर का दाम बढ़ेगा तो कंपनी का Market Capitalization ऊपर चढ़ेगा यानी बढ़ेगा ओर शेयर का दाम घटेगा तो कंपनी का मार्केट कैप निचे उतरेगा यानी घटेगा.
अब बात आती है आखिर Market Cap में उतार - चढ़ाव क्यों देखने को मिलता है तो चलिए इसके बारे में डिटेल में जानते है.
मार्केट कैप में उतार चढ़ाव क्यों देखने को मिलता है
Market Cap में उतार - चढ़ाव कंपनी के शेयर की कीमतों के ऊपर निचे जाने से देखने को मिलता है, अगर कोई कंपनी अच्छा ग्रोथ कर रही है ओर उसके लाभ कमाने की संभावना अच्छी है तो निवेशक उस कंपनी में निवेश करना ज्यादा पसन्द करेंगे चाहे उस कंपनी के Share की कीमत ज्यादा ही क्यों न हों.
और अगर किसी कंपनी की लाभ कमाने की संभावना कम है तो निवेश उस कंपनी में निवेश कम करना पसंद करेंगे ओर Share को कम कीमत में खरीदा चाहिगे.
पर ऐसा भी नहीं की कम लाभ कमाने की संभावना वाली कम्पनीयों के शेयर की कीमत नहीं बढ़ती कभी - कभी भविष्य में इनमें अच्छा लाभ कमाने की संभावना भी छिपी रहती है, तभी तो शेयर मार्केट के बढ़े खिलाडी कंपनीयों के इन संभावना का आकलन कर इनमें अच्छा खासा निवेश करते है, ओर अच्छा मुनाफा कमाने में सफल रहते है.
अभी तक हमनें जान लिया की Market Cap Kya Hota hai ( What is market cap ) इसकी कैसे गणना करें, तथा इसमें उतार चढ़ाव क्यों देखने को मिलता है, लेकिन आपने Market Capitalization में कुछ ओर शब्द सुने होगें जैसे free - float market cap,या large -cap कंपनीयाँ , mid-cap कंपनीयाँ , small-cap कंपनीयाँ आदि तो चलिए अब इनके बारे में डिटेल में जानते है.
Free-Float Market cap क्या है
कोई भी कंपनी अपने सारे शेयर स्टॉक मार्केट में बेचने के लिए जारी नहीं करती वह कुल शेयरों का कुछ तय हिस्सा ही शेयर मार्केट में निवेशकों के खरीदने - बेचने के लिए जारी करती है, तथा कुछ अपने पास रखती है, जों शेयर स्टॉक मार्केट में खरीदने - बेचने ( BUY / SELL ) के लिए उपलब्ध होते है उन्हें Float कहाँ जाता है, तथा सिर्फ floating शेयरों की वैल्यू को जोड़ कर जों Market Cap तैयार होता है, उसे Free-Float Market cap कहते है.
large cap, mid cap, and small cap
लार्ज कैप कंपनी क्या है? ( What is large cap company )
SEBI ( भारतीय प्रतिभूति ओर विनिमय बोर्ड ) के अनुसार वह कम्पनियाँ जिनका Market Capitalization अधिक है यानी की 20 हजार करोड़ से अधिक है तथा जों कंपनीयाँ टॉप 100 रैंक में आती है उनको लार्ज कैप कंपनी माना जाता है |
मिड कैप कंपनी क्या है? (What is mid cap company )
भारत में 5 हजार करोड़ से लेकर 20 हजार करोड़ तक की बाजार पूजी ( Market Capitalization ) वाली कंपनीयों को Mid cap company की श्रेणी में रखा जाता है तथा भारतीय प्रतिभूति ओर विनिमय बोर्ड यानी SEBI के अनुसार जों कंपनीयाँ मार्केट कैप यानी बाजार पूजी में 100 से लेकर 250 रैंक तक आती है, उन्हें मिड कैप कंपनीयाँ कहाँ जाता है.
स्मॉल कैप कंपनी क्या है? ( What is small cap company )
भारत में 5 हजार करोड़ तक की बाजार पूजी ( Market Capitalization ) वाली कंपनीयों को Small cap company कंपनीयों की श्रेणी में रखा जाता है, तथा SEBI ( भारतीय प्रतिभूति ओर विनिमय बोर्ड ) के अनुसार 250 के निचे आने वाली सभी कंपनीयों को स्मॉल कैप कंपनीयों में गिना जाता है.
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