यह कविता बंजर जमीन एक ऐसी जमीन के ऊपर है जो कई सालों से बंजर है, जिसमें कई सालों से बारिश नहीं हुवी है, इस जमीन पर बीज भी पड़े हुवे है जो बारिश का इंतजार कर रहे है, फिर एक दिन नीले आकाश में बादल मडराने लगते है, फिर आगे क्या होता है, ये आप कविता पढ़ कर जान जाओगे तो चलिए कविता शुरू करते है| हिन्दी कविता बंजर जमीनयह कविता बंजर जमीन उस जमीन पर आधारित है,जिस जमीन में वर्षो से बारिश की एक बुद नहीं हुवी है, और बंजर जमीन और उस पर पड़े बीजो को बारिश का बेसबरी से इंतजार है| |
हिन्दी कविता - बारिश का इंतजार
कब आयेगी बारिश,कब आयेगी बारिशवर्षो बीत गये इंतजार मेंअब कब आयेगी बारिशन आसमान में कोई बादलन और कोई हलचलकब आयेगी बारिशकब आयेगी बारिश|
बंजर जमीन पर कविता
नीले - नीले आकाश में
बादल हें मडराने लगे
धीरे - धीरे सभी बादल
एक दूसरे की और जाने लगे
ये देख बंजर जमीन मुस्कुराने लगी
गोद में सोये बीज को वो जगाने लगी
बादल टकराये आपस में
बिजली तेज चमक उठी
आवाज तब इतनी जोर से आयी की
बंजर जमीन भी काफ उठी
धीरे - धीरे जो पानी की बुदे
जमीन पर है पड़ने लगी
जमीन पर सोये बीज का
अब इंतजार खत्म हुवा
बारिश जमकर हुवी तब
जमीन को ठंडक मिली
अंकुरित होकर बीज सभी
जड़े अपनी फैलाने लगे
तना निकाल जमीन के ऊपर
उसमे हरी पत्तियाँ लाने लगे
देखते - देखते बजर जमीन मे
अनेकों पौधे उगने लगे
धीरे - धीरे वो पौधे
बड़े पेड़ है बनने लगे
जो कल तक थी बंजर जमीन
वो आज हरी - भरी हों गयी
अनेक पशु - पक्षियों का
आज वो घर हों गयी |
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