चुनाव आते ही नेताओ का प्रचार शुरू हो जाता है, नेता घर - घर जाकर हाथ जोड़कर वोट मागने लगते है, ओर गरीब गाँव के लोग सोचते है, की नेता जी हमारे गाँव में हाथ जोड़ते हुवे आये हमसे नेता जी ने हाथ मिलाया तो नेताजी कितने अच्छे है, नेता भी बड़े चालक बनते है, गाँव - गाँव जाकर हाथ जोड़ भोली - भाली जनता से वोट मांगते है ओर उन्हें वोट के बदले बडे - बडे वादे करते है, ओर जनता उनका भाषण सुन उनके वादे सुन खुश हो जाती है, ओर बिना सोचे समझें वोट उनको दे देती है, लेकिन जब नेता जी जीतते है, तो वो गाँव वालो से एक बार मिलने भी नहीं आ सकते मिलने भी कैसे आये वो जानते है, की जनता उनसे वादों के बारे में पूछेगी जिनका उनके पास कोई जवाब नहीं बस टालने के सिवा क्योंकि जो बडे - बडे वादे उन्होंने चुनाव के टाइम करें थे वो तो वोट मागने का एक जरिया था, तो इस लिए ऐसे नेताओं पर विश्वास कर इन्हे वोट न दे आप उसी उम्मीदवार को वोट दे जो ईमानदार ओर कर्मठ हो ताकि वो अपनी तिजोरी न भर कर गाँव, जिला, राज्य व देश का विकास करें, आज हम चुनाव पर कविता ( poem on election ) लेकर आये है, जो ऐसे भ्रष्ट नेताओं पर है जो जनता को बेवकूफ बनाकर अपनी तिजोरी भरते हैं।
चुनाव पर कविता ( Poem on election )
नेता पर कविता ( Poem On Neta )
हर पाँच साल में ये नेता
गलीयों, गाँवो,सडको में दिख जाते
वोट पाने के लिए ये
हर व्यक्ति से हाथ मिलाते|
विकास की बाते कर
ये जनता का मन बेहलाते
बड़े - बड़े वादों की ये
दिवार खड़ी कर जाते|
जीतने के बाद ये न जाने
पाँच साल कहाँ चले जाते
गरीब, बेरोजगार जनता का
हाल पूछने भी नहीं आते|
वादे किये थे जो इन्होंने
उन्हें वो टालते जाते
चुपके-चुपके ये नेता
अपनी तिजोरी भरते रहते|
पाँच साल बाद ये नेता
फिरसे जनता के सामने आते
छोटे - छोटे कामों को ये
अपना विकास कार्य है बतलाते|
पाँच साल पहले जिस रोड मे थे गढ़े
आज भी वहाँ गढ़े मिलते है
पाँच साल पहले जो रास्ते थे टूटे
वो रास्ते आज भी टूटे दिखते है|
पाँच साल पहले जो गरीब,बेरोजगार थे
आज भी वो गरीब, बेरोजगार है
कुछ न बदला पाँच सालो में
गरीब जहाँ था खड़ा कल आज भी वही है|
बस बदला तो सिर्फ नेता बदला
बदले तो नेता के ठाठ - बाट बदले|
जो नेता पाँच साल पहले
ALTO गाड़ी मे घूमते थे
आज वो ही नेता
BMW गाड़ी में घूमते है |
आज फिर वो ही नेता
फिर से सत्ता पाना चाहते है
हाथ जोड़ कर फिर वो नेता
गली, गाँव, सड़को में घूम रहे|
फिर वही विकास की बाते
फिर झूठे वादे दोहरा रहे
आँखे खोलो मेरे देश की जनता
ये फिर तुम्हे बहलाने फुसलाने आये है|
ये फिर तुम्हारे सामने वोट के लिए
हाथ जोड़ गिड़गिड़ाने आये है|
लेकिन किसी के बातो मे
तुम्हे बिल्कुल नहीं आना है
इस बार सोच समझ कर तुमने
एक ईमानदार एव कर्मठ उम्मीदवार को
वोट देकर जितना है, वोट देकर जितना है|
एक वोट ही है, जो तुम्हे
गरीबी से बाहर निकलेगा
एक वोट ही है, जो तुम्हारी
बरोजगारी को दूर भगाएगा|
एक वोट ही है जो तुम्हे
अच्छी शिक्षा दिलाएगा
एक वोट ही जो तुम्हे
अच्छी स्वास्थ्य सेवा देगा|
एक वोट ही है जो हमारे
गाँव, जिला, राज्य, देश को
विकास की ओर ले जायेगा|
एक वोट की कीमत को जानो
कुछ रुपयों के लालच में
अपना वोट ना बेचो
अपने ओर अपने बच्चों के
भविष्य के बारे में सोचो |
चुनाव पर कविता - फिर आ गये चुनाव
फिर आ गये चुनाव
फिर रैली नेताओं की निकल रही
फिर विकास के गाने
जगह - जगह चलने लगे|
फिर सत्ता के चक्कर में
नेताओं में टक्कर हो रही है
फिर जगह - जगह जाकर
नेता भाषण अपना सुना रहे|
फिर शिक्षा की बाते हो रही
फिर स्वास्थ्य की बाते हो रही
फिर रोजगार की बाते हो रही
फिर विकास की बाते हो रही|
विकास होगा या नहीं
कौन जानता है यहाँ
लेकिन बात विकास की सुन
गरीब के चहरे में खुशी आयी|
एक गरीब सपने देख रहा
उसके पास भी आवास होगा
रोजगार उसके पास भी होगा
अगर नेता अच्छा होगा तो
उसके साथ पुरे देश का विकास होगा|
इसलिए सोच समझ के इस बार
ईमानदार एवं कर्मठ उम्मीदवार को चुनना है
अपने मत का सही प्रयोग करना है|
भ्रष्ट नेता पर कविता
नेता जी का चला है जादू
इस बार वो जीत गए
भोली-भाली जनता को
वो बेवकूफ बना गए|
डाल दिया ऐसे वादों का जाल
की गरीब जनता उस पर फस गई
ऐसे मंत्र मारे भाषण में की
जनता बस में हो गई|
नेता जी का चला है जादू
इस बार वो जीत गए
भोली-भाली जनता को
वो बेवकूफ बना गए|
जनता ने दिए उनको वोट
की वो वादे पुरे करेंगे
पर जनता को क्या पता
नेता जी अपनी तिजोरी भरेंगे|
वादे सब गए भूल नेता जी
जीत की खुशी इतनी प्यारी थी|
नेता जी का चला है जादू
इस बार वो जीत गए
भोली-भाली जनता को
वो बेवकूफ बना गए|
विकास के नाम पर अब नेताजी
अपना ही घर भरेंगे
फिर अगले चुनाव पर फिर से
जनता से बड़े - बड़े वादे करेंगे|
नेता जी का चला है जादू
इस बार वो जीत गए
भोली-भाली जनता को
वो बेवकूफ बना गए|
-------V Singh
चुनाव पर कविता - नेताजी पर कविता
देखो देखो देखो कौन है आ रहा
सफ़ेद कुर्ता टोपी पहने कौन है आ रहा
गाँव के विकास की बड़ी - बड़ी बातें कर रहा
बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की बातें कर रहा
टूटे रास्तो रास्तो को चमकाने की बातें कर रहा
देखो देखो देखो कौन है आ रहा
सफ़ेद कुर्ता टोपी पहने कौन है आ रहा
साथ में है जो लोग उसके उसे नेताजी बुला रहे
सभी के घरों की दीवारों पर वो
नेताजी की पोस्टर लगा रहे
वोट इस बार इन्हीं को देना वो
हाथ जोड़ दोहरा रहे
वो अमीरों को तो छोड़ो
आज गरीबों के साथ भी हाथ मिला रहे
देखो देखो देखो कौन है आ रहा
सफ़ेद कुर्ता टोपी पहने कौन है आ रहा
गाँव के विकास की बड़ी - बड़ी बातें कर रहा
बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की बातें कर रहा
इस बार वोट दो तो सोच समझ कर दो
वोट विकास को दो रोजगार को दो
जय हिन्द जय भारत,
जय जवान जय किसान
जय विज्ञान,जय अनुसंधान ।
Poem On Election in Hindi
नेता जी आए नेता जी आए
सफेद धोती कुर्ता पहन नेता जी आएं
सर पर टोपी चहरे में मासूमियत लिए
नेता जी हाथ जोड़ कर आए
नेता जी आए नेता जी आए
सफेद धोती कुर्ता पहन नेता जी आएं
सब लोगों को नेता जी बड़े-बड़े सपने दिखाए
बड़े-बड़े मुद्दों में नेताजी भाषण है सुनाए
भोली भाली जनता को बेवकूफ हैं बनाएं
नेता जी आएं नेता जी आएं
सफेद धोती कुर्ता पहन नेता जी आए।
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दोस्तों आशा करते है आपको चुनाव पर कविता (Poem on election ) अच्छी लगी होंगी, ये कविताए ऐसे नेताओं पर लिखी गई है, जो जनता की सेवा करने, विकास करने के नाम पर जनता से वोट मांगते है, पर जीतने के बाद कुछ नहीं करते बस अपनी तिजोरी भरते है, हर कोई नेता भ्रष्ट नहीं होता कोई अच्छे ईमानदार एवं कर्मठ नेता भी होते है, जो जनता की सेवा ओर देश का विकास करते है, बस इस कविता के माध्यम से हम कहना चाहते है,की वोट इलेक्शन मे खडे ऐसे उम्मीदवार को दे जो आपके हित में सोचे 'धन्यवाद '
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