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किस्मत पर कविता | Kismat par kavita

V singh
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किस्मत क्या है,किस्मत जिसके बारे मे हर मनुष्य सोचता है,मनुष्य अगर असफल हुवा तो अपनी असफलता का दोष किस्मत पर थोप देता है, न की अपने आप पर वो बोलता है, की किस्मत ही मेरे साथ नहीं थी तभी मे असफल हुवा अब उनको कौन समझाये की किस्मत क्या है ,आज हम किस्मत पर कविता ( Kismat par kavita )लाये है|

किस्मत पर कविता - Kismat par  kavita

किस्मत पर कविता
Kismat par kavita 

किस्मत पर कविता -

कब तक तू किस्मत का रोना रोयेगा,
कब तक अपनी हार के लिए,
किस्मत को जिम्मेदार ठहरायेगा,
क्या है, किस्मत क्या है किस्मत|
दुःख तेरे जीवन मे आये तो,
 तू बोले किस्मत मेरी खराब है,
सुख तेरे जीवन मे आये  तो,
 बोले क्या किस्मत मैंने पायी है|
अब तू ही बता क्या है किस्मत,
किस्मत नहीं है, तुम्हारे साथ तो,
क्या जीवन जीना छोड दोगे,
बिना मेहनत करें जीवन मे,
क्या किस्मत के भरोसे रहोगे|
किस्मत के भरोसे रहोगे आज तो,
कल कैसे परिवार को पालोगे,
क्या है किस्मत,क्या है किस्मत |
मेहनत करो किस्मत वही है,
मुश्किले तो जीवन भर आयेगी,
कभी कम तो कभी ज्यादा रुलायेगी 
तभी तो मुश्किलों को हटाकर,
तुम अपनी किस्मत बनाओगे|
मेहनत करोगे आज अगर तो,
कल मेहनत की रोटी खाओगे,
नाम होगा दुनिया मे तुम्हारा भी,
ओर तुम किस्मत वाले कहलाओगे|
                  - V singh

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