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आत्महत्या पर कविता | Poem on Suicide

V singh
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आज इंसान इतना कमजोर क्यों होता जा रहा छोटी- छोटी मुसीबत से  निकलने के लिए अपने जीवन को ही खत्म कर रहा क्या मुसीबत सिर्फ एक ही इंसान के जीवन मे है, नहीं मुसीबत तो हर किसी के जीवन मे है, सुख तभी है जब दुःख है इसी सुख - दुःख मे तो दुनिया कायम है, फिर क्यों  इंसान छोटी - छोटी बात पर आत्महत्या जैसा अपराध करने की सोचता है,हर दिन अखबारों,  मे कोई न कोई आत्महत्या से सम्बंधित खबर सुनने को मिलती है, किसी ने एग्जाम मे पास न होने पर फांसी लगाई तो किसी ने प्यार मे धोखा मिलने पर जहर खा लिया किसी ने घर मे झगड़ा होने पर आग लगा दी तो किसी ने बिल्डिंग,पहाड़ो से छलांग मार कर आत्महत्या कर ली अब आप ही सोचो क्या आत्महत्या करना दुःख  से निकलने का सही तरीका है ये तो एक अपराध है, जो न जाने इंसान कैसे करता है वो छोटी- छोटी मुसीबत के चलते आत्महत्या करने की तो सोचता है पर ये नहीं सोचता की उसके जाने के बाद उसके परिवार का क्या होगा,, जन्म दिया जिस माता - पिता ने उनका क्या होगा, पति -पत्नी का क्या होगा बच्चों का भविष्य क्या होगा उसको तो बस एक छोटी सी मुसीबत से डर कर उसके सामने घुटने टेकने है न की उससे लड़ कर उसको अपने जीवन से दूर भगाना है, मुसीबते तो हर इंसान के जीवन मे आती है पर हमें उन मुसीबतों को हराना होगा न की उनसे हार मान कर आत्महत्या जैसा अपराध करना है, क्योंकि मुसीबते तो आयेगी जीवन मे अनेक ओर चली भी जायेगी पर जिंदगी अनमोल है एक बार चले गयी फिर कभी नहीं मिलेगी इसलिए अंदर से मजबूत बनो ओर जीवन मे चाहे जितनी भी मुसीबते आये उनसे डरो नहीं बल्कि लड़ो
इस ब्लॉग पोस्ट पर हम इंसान को आत्महत्या के प्रति जागरूक  करने के लिए आत्महत्या पर कविता( Poem on Suicide ) लाये है इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर उन्हें भी जागरूक  करो क्योंकि आत्महत्या करना एक अपराध है|
आत्महत्या पर कविता
आत्महत्या पर कविता

आत्महत्या पर कविता ( Poem on Suicide )

आत्महत्या जागरूक  कविता 

आज का  इंसान क्यों अंदर से,
 इतना कमजोर हो गया,
छोटी - छोटी मसीबतों से,
वो डर के हार मान रहा|

बाहर से दिखता है अच्छा खासा,
चेहरे पे खुशी भी लाता,
पर अंदर ही अंदर से वो,
खोखला होता जाता|

न वो परेशानी किसी को बताता,
न ही उनसे लड़ने की हिम्मत कर पाता,
बस परेशानी के चलते अपने,
शरीर, दीमाग को अस्वस्थ बनाता|

खुद अंदर ही अंदर हार मान लेता,
अपने दिमाग़ की सोचने -समझने की,
शक्ति तक को खो बैठता,
जिसके चलते वो आत्महत्या,
जैसा गन्दा रास्ता अपनाता|

कोई खाता है जहर तो,
कोई फांसी लगाता है,
कोई बिल्डिंग, पहाड़ो से कूद मारे,
तो कोई आग मे छलांग लगाता है,
कोई प्यार मे आत्महत्या करते तो,
कोई परीक्षा मे असफल होने मे|

न जाने रोजाना कितने परिवार,
आत्महत्या के कारण उजड़ जाते,
छोटे - छोटे कारणों के चलते,
अपनी जिंदगी तक खत्म कर देते|

न देखते वो आत्महत्या से पहले,
अपने प्यारे से  परिवार को,
न समझ पाते वो अपने परिवार,
के प्रति अपनी जिम्मेदारी को|

न समझ पाते उनके जाने के बाद,
परिवार उनका कैसे चलेगा,
बच्चों का क्या जीवन होगा,
माता पिता का क्या हाल होगा|

उनको तो मुसीबत से निकलना,
न मूड के पीछे देखना,
उनको तो खुद मुसीबत,
से छुटकारा पाना,
ओर परिवार को दुःखो के,
पहाड़ तले दबा जाना है|

न रखो बात मन मे जो,
तुमको पीड़ा देती,
अपने परिवार, दोस्तों के साथ,
अपना दुःख- दर्द साझा करो,
अपने अंदर भरे तूफान को,
बाहर निकाल हल्का करो|

ऐसे न जिंदगी मे हार मानो तुम,
मुसीबत चाहे जितनी आये,
उनसे डट कर लड़ो तुम |

जिंदगी बहुत अनमोल है,
इसे ऐसे न खत्म करो,
आत्महत्या जैसा अपराध,
भूल कर भी नहीं करो|

क्या हो गया परीक्षा मे,
 अगर असफल हो गये,
क्या हो गया प्यार मे,
तुमको धोखा मिला,
क्या हो गया परिवार मे,
झगड़ा हो गया तो|

क्या इतनी सी बात के लिए,
तुम जीना छोड दोगे,
शांति से सोचो एक बार,
असफल कौन नहीं होता,
जिंदगी मे मुसीबते किसकी नहीं,
परिवार मे छोटा बडा झगड़ा किसके नहीं होता|

ये जिंदगी है यहाँ हर मुसीबत का हल है,
बस एक बार मुस्कुराते हुवे मुसीबतों से लड़ो,
वो ही मुसीबते खुशियों मे बदल जायेगी,
ओर तुम्हारी जिंदगी खुशियों से चल पड़ेगी|

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आत्महत्या पर महत्वपूर्ण प्रश्न -

प्रश्न -1 World Suicide Prevention Day ( विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस ) कब मनाया जाता है
उत्तर - हर साल 10 सितम्बर को

प्रश्न -2 विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुवात कब हुवी
उत्तर - 10 सितम्बर 2003

प्रश्न -3 विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का उदेश्य 
उत्तर - आत्महत्या की बढ़ती प्रवर्ती को रोकने ओर इस समस्या के प्रति लोगो मे जागरूकता लाना है 












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