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पेड़ पर कविता - Poem on Tree in Hindi

V singh
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पेड हमारे लिए कितने उपयोगी है ये हर कोई जानता है पेड़ो के बिना हमारा जीवन संभव नही है ये भी हर कोई जानता है लेकिन फिर भी आज इंसान पेड़ो को सरे आम काटता  जा रहा है, इंसान को ये समझना होगा की पेड़ो को काट कर वह  अपने विनाश को न्योता दे रहा है  आज पेड़ो को बचाना ओर लगाना बहुत जरुरी हो गया है |आज हम   इस पोस्ट  मे पेड़ पर कविता लेकर आये है
Poem On Tree In hindi
Poem On Tree In Hindi 

पेड पर कविताएं - Poem on Tree in Hindi

पेड़- पौधे हमारा जीवन है ये सबको बतलाना है
पेड़ो को कटने से  हमें रोक कर  दिखाना है
संसार के हर एक इंसान तक ये संदेश पहुंचाना है
पेड़ -पौधों को बचाना है पेड़ -पौधों को बचाना है |
जिंदगी  देते पेड़ हमें  ये सबको  बताना है 
कुछ नही लेते पेड़ हमसे ये सबको को बताना है 
हर दिन हर पल ये हमारी जिंदगी बचाते है
प्यार क्या होता है ये हमको समझाते  है
लेकिन इंसान आज ये तू क्या कर रहा
प्यार के बदले तू पेड़ो को सरे आम काट  रहा
दर्द उन्हें भी होता है ये सबको बताना है
पेड़ -पौधों को बचाना है पेड़ -पौधों को बचाना है |
कितने वर्षो मे एक पौधा पेड़ बन पाता है
ओर इंसान उस पेड़ को दो मिनट मे काट गिराता है
पेड़ काट कर इंसान अपनी जिंदगी नर्क बना रहा
आने वाली  पीढ़ी को प्रदूषण मे तड़पा रहा
अहसान मानो  पेड़ो का जो जीवित हमको रखते है
इतना कस्ट सह कर भी वो हमसे नही चिढ़ते है 
अगर  एक मिनट के लिए भी  संसार के
सभी पेड़ -पौधे गायब हो जाये
इंसनों को तब पेड़-पौधों का महत्व समझ आये
एक पेड़ सौ पुत्र समान ये सबको बताना है
पेड़ -पौधों को बचाना है पेड़ -पौधों को बचाना है |
हर खुशी के अवसर पर कम से कम एक पेड़ लगाना है
आने वाली पीढ़ियों को बडे  संकटो  से बचाना है
पेड़- पौधे हमारा जीवन है ये सबको बतलाना है
पेड़ो को कटने से  हमें रोक दिखाना है|
- V singh

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पेड़ की आत्मा की दुःख भरी एक छोटी सी कविता-

खुश था  मे  अपनी जीवन मे,
फिर एक दिन इंसान आया|

इंसान को अपनी ओर आते देख,
मेरा मन बहुत घबराया|

इंसान के हाथ मे कुल्हाड़ी देख,
मुझे अपना अंत समय नजर आया|

मै इंसान के सामने बहुत गिड़गिड़ाया,
पर इंसान ने मुझे  काट गिराया|

मै भागना चाहता था,
पर पैर नही थे  मेरे पास|

मै उड़ना  चाहता था,
पर पंख  नही थे मेरे पास|

किसने हक दिया तुझे ए  इंसान,
जो हमें  ऐसे काट गिराएगा|

अगर तू  ही बन जायेगा हमारा दुश्मन,
तो हमें कौन बचायेगा|
- V singh

पेड़ लगाओ, पेड़ लगाओ एक छोटी सी कविता -

पेड़ लगाओ, पेड़ लगाओ
सारे मिलकर पेड़ लगाओ 
बहुत कुछ देते पेड़ हमें
ये सबको समझना है 
कुछ नही लेते पड़े हमसे
ये सबको बताना है 
उनकी दी ऑक्सीजन से ही
हमारी सासे  चलती है 
उनके दिए पानी से ही
हमारी प्यास  बुझती  है 
उनके दिए फलो को खाकर
हमें ऊर्जा  मिलती  है 
अनेक बीमारियों की
दवाई इन्ही से बनती है 
इनकी ठंडी हवा से
हमें गर्मी से राहत मिलती  है 
पढ़ते  हे  जिस पुस्तक को हम 
उसके पने इन्ही के बनते  है 
लिख़ते हे  जिस कॉपी मे हम 
उसके पने इन्ही के बनते  है 
पेड़ हमारे जीवन के आधार है
ये सबको समझाना है 
आज हर इंसान को पेड़ लगाना   है
  आने वाली पीढ़ी को
बडे संकट से बचाना है|
- V singh

पेड़ का जीवन  सघर्ष पर एक छोटी सी कविता -

 बीज  बनकर जब  मे सुखी धरती पर आकर गिरता हूँ 
पानी नही मिलता मुझे  मे  इंतजार करता   हूँ  
वर्षा ऋतु मे मुझ  पर कुछ बुदे जल की पड़ जाती 
पानी पाकर मेरी जान मे जान आती 
अंकुरित होकर मै अपनी जड़े फैलाता हूँ 
तना निकाल धरती के ऊपर
 उसपे  हरी पत्तियां  लाता हूँ 
तब जाकर मे  बीज से पौधा  कहलाता हूँ 
मंद मंद हवा मे मै  खुशी से लहराता हूँ 
तेज तूफान, बाढ़, मवेशीयों की मार सहता जाता हूँ 
अनेको सघषों को  पार कर
मै  जीवन मे आगे  बढ़ता रहता हूँ 
धीरे - धीरे  पौधे से मै  विशाल पेड़ कहलाता
- V singh

पेड़ बचाओ पर कविता - एक दिन इंसान जरूर पछतायेगा -

एक दिन  इंसान जरूर पछतायेगा
अगर वो दिन - रात आज पेड़ों को ऐसे काटेगा
न शुद्ध  ऑक्सीजन  मिलेगी उसको तब
नहीं शुद्ध  जल उसको मिल पायेगा
अगर इंसान सरेआम पेड़ो को आज काट गिराएगा
न वर्षा  होंगी धरती में फिर इंसान क्या खायेगा
सुखी पड़ जाएगी धरती इंसान फसल कैसे उगायेगा
जीते जी  धरती को इंसान नर्क बनाके छोड़ेगा 
सरेआम इंसान अगर ऐसे पेड़ो को काटते जायेगा
एक दिन इंसान जरूर पछतायेगा |
                                 - V singh

पेड़ पर कविता - काट दोगे पेड़-पौधे आज 

काट दोगे  पेड़ - पौधे आज तो 

कल ऑक्सीजन कहाँ से पाओगे 

काट दोगे  पेड़ - पौधे आज तो 

कल मीठा जल कहाँ से लाओगे 

धुप सतायेंगी कल अगर तुम्हे तो

छाया के लिए पेड़ कहाँ से ढूढोगे 

भूख लगेगी कल अगर तुम्हे तो

फल तोड़ के कहाँ से खाओगे

इन सभी जरूरतों के बिना तुम

अपनी जिंदगी कैसे बचाओगे 

इसलिए पेड़-पौधों को काटने से पहले

एक बार तुम जरूर सोच लो

पेड़ - पौधे है तो हम सब है

ये बात तुम गांठ बाँध लो

हमें हर खुशी के मौके पर

एक पौधा जरूर लगाना है

इस धरती को मिलकर हमने 

हरा भरा बनाना है|

                     -V singh 

पेड़ पर छोटी सी कविता 

सरे आम काट रहे जो पेड़ों को
उन सबको सबक सिखाना होगा|

इस हरी- भरी दुनिया को 
बंजर होने से बचाना होगा |

जीवन तभी बचेगा दुनिया में 
जब पेड़ों को हम बचाएंगे |

जब बच्चों से लेकर बूढ़े सभी  
महत्व पेड़ों का जानेगे|
            - V singh

Ped Par Kavita - पेड़ बचाओं

न काटो  पेड़ो को तुम ऐसे यार
धरती में मच जायेगा हाहाकार
धरती में  पेड़ कम होते जायेंगे
प्रदूषण के राक्षस से हम कैसे बच पायेंगे
धरती में  पेड़ कम होते जायेंगे
पानी की किल्लते से हम कैसे निपटेगे 
न काटो  पेड़ो को तुम ऐसे यार
धरती में मच जायेगा हाहाकार
पानी की कमी हों जाये तो सोचो क्या होगा
ऑक्सीजन कम हों जाये तो सोचो क्या होगा
पेड़ो - पौधों के महत्व को तुम समझो यार
न काटो  पेड़ो को तुम ऐसे यार
धरती में मच जायेगा हाहाकार
                 - V singh

Poem On Tree In Hindi- पेड़ पर कविता

जिस आँगन में लगे पेड़ को
उसके दादा जी ने लगाया था
जिस पेड़ की डाली पर बचपन में
उसके लिए झूला बनाया था
जिस पेड़ के रसीले फलो को
उसने  तोड़ कर खाया था
जिस पेड़ की छाया पर वो
धुप लगने पर सुसताया था
आज  बड़ा होने पर न जाने
उसको ऐसा क्या हों गया
उस सुन्दर पेड़ को वो
अपने हाथों से काट रहा
जिस डाली पर वो दिन भर
झूला - झूला करता था
जिस पेड़ के फल खा
उसकी छाया में वो सो जाता था
आज उसी पेड़ को काटने में  
वो तनिक भी नहीं सोच रहा
ये देख पेड़ जोर-जोर से रों रहा|
                 - V singh

Pad Par Kavita- पेड़ की आवाज

मत काटो मुझे मत काटो मुझे
मैने तुम्हे क्या नहीं दिया
सांस के लिए ऑक्सीजन दी
भूख के लिए भोजन दिया
मत काटो मुझे मत काटो मुझे
मैने तुम्हे क्या नहीं दिया
जो पानी तुम पीते हों
वो मेरे होने से ही है
इस पुरी पृथ्वी की सुन्दरता
मुझपे ही केंद्रित है
मत काटो मुझे मत काटो मुझे
मैने तुम्हे क्या नहीं दिया
मै साथी हुँ तुम्हारे बचपन का
मुझपे ही तुम झूला बनाते थे
मेरे मीठे  फलों को खा
तुम मेरी छाया में सो जाते थे
मत काटो मुझे मत काटो मुझे
मैने तुम्हे क्या नहीं दिया
--------- तुम्हारा साथी पेड़ -------
                    - V singh

Tree Poem in Hindi- Ped Par Kavita

एक पेड़ सौ पुत्र समान
ये हमने सबको बताना है
पेड़ों को कटने से रोककर
हमें अपने जीवन को बचाना है
चारों तरफ हरियाली हों
ये सकल्प हम सबको लेना है
एक पेड़ सौ पुत्र समान
ये हमने सबको बताना है
आज नहीं सोचेंगे तो
कल जीवन हमारा खत्म हो जाएगा
न मिलेगी हमें आक्सीजन
और न खाना-पानी मिल पाएगा
एक पेड़ सौ पुत्र समान
ये हमने सबको बताना है
पेड़ों को कटने से रोककर
हमें अपने जीवन को बचाना है|
- Vsingh

पेड़ पर कविता ( पेड़ की कहानी )

एक बीज गिरा धरती में एक दिन
फिर सालों वो जमीन में दबा रहा
जल की प्रतिक्षा कर कर वो 
हिम्मत अपने अन्दर रखा रहा

फिर एक दिन जल की बूंदे 
धरती पर जो ही गिरी
उस बीज की प्रतिक्षा उस दिन
सालों बाद हैं खत्म हुवी

जड़े फैलाई उसने मिट्टी पर
तना मिट्टी से बाहर निकाला
तने में पत्तियां ला उस दिन वो
हवा में बहुत लहराया

बीज से वो पौधा बन गया
अब उसकी मुसीबतें बढ़ने लगी
आधी, तूफान , मवेशियों की मार
खा - खा कर वो धीरे- धीरे बढ़ने लगा

हर दिन को डर डर कर जी
वो आज बडा पेड़ हैं बन गया

जब उसको नहीं हैं, खतरा अब
 आधी और तूफान का
जब उसको नहीं हैं, खतरा अब
पशु और पक्षियों का

उसको तो खतरा हैं बस
एक इंसान से जो 
अपनी शान के लिए
उसको भी काट सकता हैं

जबकी पता है, इंसान को  
की पेड़ का महत्व कितना हैं।

Poem On Tree in Hindi

खोलो अपनी आंखें हमें पेड़ों को बचाना हैं
हमें पेड़ों को बचाना है, हमें जीवन को बचाना है
हमें प्यास को बुझाना है तो पेड़ों को बचाना होगा
हमें भूख को मिटाना हैं तो पेड़ों को बचाना होगा
हमें जीवन को बचाना है तो पेड़ों को बचाना होगा
हमें प्रदुषण को हटाना हैं तो पेड़ों को बचाना होगा
हमें रंग बिरंगी दुनिया चाहिए तो पेड़ों को बचाना होगा
खोलो अपनी आंखें हमें पेड़ों को बचाना होगा
हमें पेड़ों को बचाना होगा , हमे जीवन को बचाना होगा।

पेड़ पर कविता छोटी कविता 

पेड़ो को ना तुम करो खत्म
धरती हो रही  बहुत गर्म
जीना मुश्किल जीना मुश्किल
पेड़ो के बीना जीना मुश्किल
सुख जायेगा पानी तो
पीने का पानी कहा से लाओगे
ऑक्सीजन खत्म हो जाए तो
घुट - घुट के तुम मर जाओगे
पेड़ो को ना तुम करो खत्म
धरती हो रही बहुत गर्म 

अन्य कविताएं-











हमारे द्वारा लिखी गई पेड़ पर कविता (Poem on Tree ) आपको पसन्द आई तो अपने दोस्तों को शेयर करें ओर एक पेड़ अपने घर के आस पास  लगाकर इस दुनिया को प्रदूषण से मुक्त करें 'धन्यवाद '





















































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