-->

होली पर कविता - Poem on holi

V singh
By -
0
 भारत के अनेक त्यौहार मै से होली एक प्रसिद्ध त्यौहार है जिसे बसंत ऋतु मै बडे ही  हर्ष, उल्लास के साथ मनाया जाता है   यह भारतीय ओर नेपाली लोगो का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है यह त्यौहार हिन्दू पंचाग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली रंगों ओर खुशियों का त्यौहार है इसे भारत मे बहुत धुम धाम से मनाया जाता है यह भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है जिसे आज पूरी दुनिया मे मनाया जाता है।

इस पोस्ट मे हम होली पर कविता (Poem on holi ) लाये है जो आपको पसंद आएगी ।
Holi par kavita
Poem On Holli In Hindi

होली पर कविता (Poem on holi )


होली आयी, होली आयी,
खुशियों की सौगात लायी,
रिश्तो मे मिठास लायी,
सबको हँसाने फिर आयी,
सबको मिलाने फिर आयी,
होली आयी होली आयी|

मन की कड़वाहट को दूर करने,
बुराई  को दूर  भगाने,
सचाई का साथ निभाने,
होली आयी, होली आयी|

पुराने सभी गीले सिकवे भूल कर,
एक जुट होने की बारी आयी,
दोस्तों के साथ मिल कर,
रगो मे रंगने की बारी आयी,
होली आयी  ,  होली आयी,
खुशीयों की सौगात  लायी है|

ढोलक बजाकर होली मे  हम,
गीत है होली के गाते है,
मजा करने के खातिर,
 मिलकर नाच भी दिखाते है,
बनाते है गुजिया ओर लडू,
ओर  मजे मे खाते है|

हरे, लाल,पिले रंग लगाके,
 हम रंग -बिरंगे हो जाते है,
ऐसे ही रंग-बिरंगे होकर,
हम गली - गली  मे फिरते|

जो दिख जाता हमें साफ सुथरा,
उसे रंग बिरंगा करते है,
 बुरा अगर मान जाये कोई,
उसे बस ये  शब्द कहते है,
होली हे भई, होली हे,
बुरा न मानो होली हे|

खुशी  होती है  सबके चेहरो मे,
क्योंकि खेलते है हम होली,
बुराई को मिटाने आती हे होली,
उदास व्यक्ति को खुश कर जाती हे होली|

मिलकर प्यार से रहना हमें  सिखाती हे होली,
मजे - मजे मे होली हमें बहुत कुछ सिखाती है,
ओर फिर चली जाती है,
होली आती हे, होली आती हे,
खुशियों की सौगात  लाती हे|
- V singh

Poem on holi 2022

आ गयी फिर होली,
चलो हम सब खेले होली,
भुला के सभी पुरानी बाते,
रंगों में रंगने की बारी आयी,
आ गयी फिर होली,
चलो हम सब खेले होली |

होली पर कविता (poem on holi) 

होली खेल रहे सभी दोस्त
होली मै भी खेलूँगा
पकड़ - पकड़ के हर दोस्त को
लाल,हरा,पिला, नीला कर दूँगा
गुजिया, मिठाई खाऊंगा
सब दोस्तों के साथ गली में घुमुगा

जो मिल जाये बिना रंग के हमें 
उस पर गुलाल हम सब डालेंगे
बुरा मान जाये अगर वो तो
हैप्पी होली उन्हें बोलेंगे|

होली पर कविता हिन्दी में 


होली के रंग में रंगकर हम
मस्ती में ऐसे झूम रहे है
सभी पुराने झगड़ो को भुला
आपस में होली खेल रहे है
गुजिया मिठाई खा रहे है
भाँग की ठण्डाई पी रहे है
होली के गीत ओर ढोलक की धुन में
सब मिलकर होली खेल रहे है |

होली पर छोटी सी कविता 

होली है भई  होली है
रंगों का त्यौहार है होली
खुशियों की बौछार है होली 
बुराई का अंत है होली
रिश्तो की मिठास है होली 
चहरे की मुस्कान है होली 
बच्चों का शोर है होली
अच्छी आदत अपनाओ बोले होली
बुरी आदत भगाओ बोले होली
होली है भई होली है
बुरा न मानो होली है |

Read More Poetry 

आप सभी दोस्तों को ये जानना होगा की 2022 में होली कब है, कितने तारीख से है तो आपको बता दे की होली 18 मार्च 2022 को है ओर होलिका दहन 17 मार्च 2022 को होलिका दहन का मुहूर्त रात 09 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है |
आशा करते है आपको होली पर कविता पसंद आयी होंगी आपका हमारे इस ब्लॉग को इतना प्यार देने के लिए 'धन्यवाद '






एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Please do not enter any spam link in the comment box.

एक टिप्पणी भेजें (0)